'बादशाहो' और 'शुभ मंगल सावधान' देखने से पहले पढ़ें रिव्यू
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शुक्रवार 1 सितंबर को दो फिल्में एक अजय देवगन जैसे मेगा स्टार की ""बादशाहो"" और दूसरी आयुष्मान खुराना और भूमि पेंडरेकर जैसे कुछ फिल्मों पुराने स्टार की फिल्म ""शुभ मंगल सावधान"" एक साथ रिलीज हुई हैं।
दोनों फिल्मों के रिव्यूज के मुताबिक मेगा स्टारर फिल्म "बादशाहो" ड्रामा,एक्शन,आइटम नंबर और बड़े बजट के बावजूद कमाल नहीं दिखा पाई, वहीं छोटे बजट,नए स्टार और बिना किसी शोबाजी के भी ""शुभ मंगल सावधान"" दर्शकों को काफी पसंद आई।
सबसे पहले अगर "बादशाहो" की बात करें तो मिलन लुथरिया ने अजय देवगन के साथ कच्चे धागे ,चोरी-चोरी, वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई जैसी बहुत-सी फिल्में बनाई हैं और इस फिल्म से लोगों को काफी उम्मीदें थी, लेकिन पहले दिन यह कुछ कमाल नहीं कर पाई।
"बादशाहो" की कहानी
फिल्म की कहानी साल 1975 के इमरजेंसी के दौर की है, जब राजघरानों की पूरी संपत्ति सरकार अपने कब्जे में ले रही थी। उसी समय महारानी गीतांजलि (इलियाना डी क्रूज) के राजमहल से भी पुलिस सारा सोना जब्त करने का ऑर्डर देती है, लेकिन रानी का वफादार भवानी सिंह ( अजय देवगन ) अपने साथियों गुरुजी (संजय मिश्रा) दलिया ( इमरान हाशमी) और गीतांजलि की खास फ्रेंड संजना (ईशा गुप्ता ) के साथ उस सोने से भरे ट्रक की चोरी करने का फैसला करता है। ट्रक को राजस्थान से दिल्ली तक ले जाने का दारोमदार सहर सिंह (विद्युत जामवाल) के जिम्मे होता है। कहानी में कई ट्विस्ट आते हैं। फिल्म की कहानी अच्छी थी, लेकिन कहानी सुनाने का ढंग काफी कमजोर है। ऐसा लगता है कि फिल्म को जबरदस्ती खींचकर आगे बढ़ाया गया है। वहीं फिल्म की एडिटिंग पर ध्यान नहीं दिया गया है। स्क्रीनप्ले भी बहुत कमजोर है। वहीं फिल्म का क्लाइमेक्स में ठीक से नहीं बताया गया है।
आयुष्मान और भूनि की जोड़ी पिर आई लोगों को पसंद
अगर बात करें फिल्म "शुभ मंगल सावधान" की तो फिल्म में आयुष्मान और भूमि के अलावा बृजेंद्र काला, मनुज शर्मा और अंशुल चौहान अहम भूमिकाओं में हैं। फिल्म डायरेक्शन के मामले में काफी अच्छी है। वहीं कलाकारों की एक्टिंग में दम है। जहां आयुष्मान हर बार की तरह इस बार भी स्क्रीन में चार्मिंग लग रहे हैं वहीं भूमि अपनी पिछली दो फिल्मों की तरह इस फिल्म में भी बहुत अच्छी एक्टिंग की है।
फिल्म में आयुष्मान खुराना "मुदित" का रोल प्ले कर रहे हैं। वहीं भूमि पेंडनेकर उनकी प्रेमिका "सुगंधा" बनी हैं। फिल्म की कहानी इन दोनों किरदारों के आगे पीछे घूमती नजर आती है। दोनों की राहें दिल्ली के नेहरू प्लेस में टकराती हैं। मुदित को सुगंधा अच्छी लगती है। सुगंधा को भी मुदित अच्छा लगता है। लेकिन समस्या ये है कि मुदित ये बात बता नहीं पाता और सुगंधा चाहती है कि मुदित पहल करे। एक दिन वो दोस्तों के कहने पर हिम्मत जुटाता है और सुगंध से अपनी भावनाओं का इजहार करने जाता ही है कि बीच में उसे भालू पकड़ लेता है। आखिरकार मुदित अपनी मां के कहने पर सुगंधा को ऑनलाइन रिश्ता भेज देता है। दोनों का रिश्ता तय हो जाता है। दोनों एक-दूसरे से मिलने-जुलने लगते हैं।
एक दिन एकांत में दोनों बहुत नजदीक आ जाते हैं, लेकिन मुदित बहुत कोशिश करने के बाद भी "कुछ" कर नहीं पाता। इससे फ्रस्टेट होकर वह सुगंधा से दूर रहने लगता है। वो जब भी इस बारे में कुछ पूछती है तो मुदित कहता है कि "जेंट्स प्रॉब्लम है" कह कर टाल जाते। बस यही "जेंट्स प्रॉब्लम" दो लोगों के बीच की प्रेम कहानी है "शुभ मंगल सावधान", जिसे पहले दिन काफी अच्छा रिंसपॉन्स दिया है।
Created On :   1 Sept 2017 4:17 PM IST