संसदीय समिति के सामने पेश हुए भंसाली, कई सवालों पर साधी चुप्पी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पद्मावती विवाद को लेकर निर्देशक संजय लीला भंसाली की संसदीय कमेटी के सामने करीब ढाई घंटे से ज्यादा देर तक पेशी हुई। जिसमें भंसाली को कुछ लिखित सवालों के जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया गया है। भंसाली ने कमेटी के सामने कई सवालों के जवाब दिए, लेकिन कई सवालों पर चुप्पी भी साधी। भंसाली ने फिल्म को लेकर कहा कि हमने फिल्म इतिहास को लेकर नहीं बल्कि जायसी की "पद्मावत" पर बनाई है।
भंसाली से पूछे गए ये सवाल
फिल्मों में सारे नाम और सारे पात्र इतिहास से लिए हुए हैं तो कैसे कहा जा सकता है कि फिल्म का इतिहास से कोई लेना देना नहीं है?
सेंसर बोर्ड को फिल्म भेजने से पहले आपने मीडिया के कुछ लोगों को फिल्म क्यों दिखाई?
सेंसर बोर्ड के पास फिल्म भेजने से पहले ही कैसे रिलीज का ऐलान कर दिया?
पिछले डेढ़ साल से विवाद चल रहा है तब आपने इसे ठीक करने के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया?
आपने पहले करणी सेना को वादा किया था कि फिल्म पहले उन्हें दिखाएंगे?
फिल्म में जौहर का दृश्य दिखाया गया है क्या सती प्रथा को फिल्मों में दिखाया जा सकता है?
सवालों को किया नजरअंदाज
बता दें कि इस मीटिंग में 14 सदस्यीय कमेटी के 8 सदस्य शामिल हुए। दिल्ली के होटल ताज मानसिंह में जब पत्रकारों ने भंसाली से फिल्म से जुड़े कुछ विवादों पर सवाल किए तो कई सवालों को उन्होंने पूरी तरह से नजरअंदाज किया और वहां से चले गए। पदमावती" को लेकर बीजेपी से दो सदस्यों और शिवसेना के एक सदस्य ने फिल्म पर बैन की मांग की है। वहीं बाकी के सदस्यों ने कहा पहले सेंसर बोर्ड पास कर दे उसके बाद इस पर कोई फैसला लिया जाना चाहिए।
संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए भंसाली
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली समिति ने करीब 3 घंटे तक भंसाली से पूछताछ की। यह पहली बार है कि जब किसी फिल्म के विवाद पर संसदीय समिति ने सुनवाई की है। हालांकि भंसाली कई सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। वहीं संसदीय कमेटी के सामने प्रसून जोशी ने कहा, "उन्होंने अभी तक फिल्म नहीं देखी है, इसके सर्टिफिकेशन प्रक्रिया जारी है।" इस समिति में शामिल सदस्यों में कांग्रेस के सी. पी. जोशी, भाजपा के ओ. एम. बिड़ला और शिवसेना के राजन विचारे ने फिल्म के बारे में आपत्ति जाहिर की है।
Created On :   1 Dec 2017 10:28 AM IST