B, Day Spl: कलम के जादू से जावेद अख्तर ने बनाई बॉलीवुड में पहचान

Birthday Javed Akhtar made a mark in bollywood by magic of pen
B, Day Spl: कलम के जादू से जावेद अख्तर ने बनाई बॉलीवुड में पहचान
B, Day Spl: कलम के जादू से जावेद अख्तर ने बनाई बॉलीवुड में पहचान

डिजिटल डेस्क, मुंबई। हिंदी फिल्म जगत के मशहूर गीतकार-कवि जावेद अख्तर का आज 73वां जन्मदिन है। "सिलसिला", "1942: अ लव स्टोरी", "वीर जारा", "मैं हूं ना", "जोधा अकबर" जैसी कई फिल्मों के लिए गीत लिख चुके कवि जावेद करीब पिछले चार दशकों से बॉलीवुड से जुड़े हुए हैं। जावेद अख्तर फिल्म इंडस्ट्री का एक ऐसा नाम हैं जिन्हें किसी पहचान की जरूरत नहीं है।

सलीम के साथ उनकी जोड़ी ने कई हिट फिल्में दी हैं और 70 से 80 के दशक में दोनों की जोड़ी बॉलीवुड में काफी मशहूर थी। दोनों ने एक साथ फिल्म अंदाज, यादों की बारात, जंजीर, दीवार, हाथी मेरे साथी और शोले की पटकथा लिखी हैं। जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में हुआ था। उनकी पढ़ाई लखनऊ में हुई। जावेद अख्तर के पिता निसार अख्तर बॉलीवुड गीतकार और कवि थे और उनकी मां सफिया अख्तर भी एक सिंगर, टीचर और लेखिका थीं।

जावेद के बचपन का नाम "जादू"

जावेद को बचपन से ही लिखने पढ़ने का शौक रहा, उन्हें घर में भी ऐसा ही माहौल मिलता रहा। जावेद के बचपन का नाम जादू है। शबाना आजमी भी उन्हें इसी नाम से पुकारती हैं। शबाना आज़मी ने जावेद अख़्तर के बारे में बताया कि वो बहुत ही प्रोटेक्टिव और प्रोग्रेसिव इंसान हैं। फिल्मों में कितने ही रोमांटिक गाने लिख चुके जावेद साहब निजी जीवन में भी रोमांटिक हैं या नहीं इस बारे में उनकी पत्नी शबाना कहती है कि "मुझसे कई लोग कहते हैं कि आपके सौहर कितने रोमांटिक सांग लिखते हैं तो बहुत रोमांटिक होंगे! पर, ऐसा नहीं है। जावेद साहब का कहना है कि अगर कोई सर्कस में काम करता है तो क्या वह घर पर भी उल्टा लटकता रहेगा।

शबाना से पहले हनी ईरानी से की थी शादी

जावेद अख्तर ने 1972 में हनी ईरानी से शादी की थी, हनी भी एक पटकथा लेखिका थीं, लेकिन दोनों की यह शादी लंबे वक्त तक नहीं चल पाई और दोनों 1978 में अलग हो गए। जब जावेद और हनी की शादी हुई थी तब हनी सिर्फ 17 साल की थीं। इस दौरान उन्हें दो बच्चे हुए। फरहान अख्तर और जोया अख्तर, दोनों ही फिल्मों में सक्रीय हैं। दोनों ही डायरेक्टर और एक्टर हैं। इसके बाद उनकी नजदीकियां बॉलीवुड एक्ट्रेस शबाना आजमी के साथ बढ़ गईं थी और उन्होंने 1984 में शबाना आजमी से शादी कर ली। दरअसल, शबाना आज़मी के अब्बा कैफ़ी साहब से मिलने के लिए जावेद अख़्तर अक्सर उनके घर जाते थे।

इसी दौरान जावेद और शबाना एक दूसरे के करीब आये और दोनों एक दूसरे को इतना पसंद करने लगे कि दोनों ने शादी करने का इरादा कर लिया। जावेद साहब को लेकर शबाना कहतीं हैं कि वे बहुत ज्यादा मेरे अब्बा की तरह हैं। चाहे पृष्ठभूमि की बात की जाए या उनकी शायरी हो या फिर पॉलिटिक्स पर उनकी समझ को ले लीजिये या सामजिक मुद्दों पर जो उनकी प्रोग्रेसिव सोच है। 

70 के दशक में लिखा जाने लगा पर्दे पर नाम

जावेद अख़्तर ने बॉलीवुड कैरियर की शुरुआत बतौर डायलॉग राइटर की थी, लेकिन बाद में वह स्क्रिप्ट राइटर और गीतकार बन गए। जावेद अख़्तर ने सलीम ख़ान के साथ मिलकर बॉलीवुड को बेहतरीन फ़िल्में दीं। इनमें ‘ज़ंजीर’, ‘त्रिशूल’, ‘दोस्ताना’, ‘सागर’, ‘काला पत्थर’, ‘मशाल’, ‘मेरी जंग’ और ‘मि. इंडिया’, ‘दीवार’, ‘शोले’ जैसी फ़िल्में शामिल हैं। बता दें कि 70 के दशक में स्क्रिप्ट राइटर्स का नाम फ़िल्मों के पोस्टर पर नहीं दिया जाता था, लेकिन जावेद साहब ने ऐसी कामयाबी पायी कि फ़िल्मों के पोस्टर्स पर राइटर्स का भी नाम लिखा जाने लगा। 

जावेद अख्तर के नाम रहे ये अवार्ड

जावेद साहब को 1999 में पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है।

जावेद अख्तर को 2007 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया।  

जावेद अख्तर को उनके काम के लिए 5 बार नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।

जावेद अख़्तर को 14 बार फ़िल्मफेयर अवॉर्ड भी मिले हैं। 

इनमें सात बार उन्हें बेस्ट स्क्रिप्ट के लिए और सात बार बेस्ट लिरिक्स के लिए अवॉर्ड दिया गया। 

राजनीति में भी अजमाया हाथ

जावेद साहब राजनेता का सफर भी पूरा कर चुका है। जावेद अख्तर को राज्यसभा के लिए नवम्बर 2009 में नॉमिनेट किया गया था। लेखक से राजनेता बने जावेद ने अपने पूरे कार्यकाल में ऐसी कोई स्पीच सभा के अंदर नहीं दी जिससे जनता उनको याद रखती, लेकिन अपनी फेयरवेल (राज्यसभा के आखिरी दिन) में जो स्पीच दी उसने सभा के अंदर से लेकर बाहर तक हर किसी का मुंह बंद कर दिया।

जावेद अख्‍तर का बतौर सांसद राज्‍यसभा में दिया गया आखिरी भाषण सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ था।

सभा के अंदर जावेद के बेबाक बोल
 
जावेद अख्तर ने देश के मौजूदा हालात पर गहरी चिंता जताते हुए जहां लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर जबरदस्त हमला बोला था, वहीं सत्तारूढ़ भाजपा से अपने विधायकों, सांसदों और मंत्रियों पर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाले बयान देने से लगाम लगाने को कहा था। उन्होंने "भारत माता की जय" बोलने से इंकार करने वाले ओवैसी के बयान पर विरोध जताते हुए सदन में तीन बार "भारत माता की जय" कहा।

जावेद अख्तर एक बेहद ही खूबसूरत लेखक और वक्ता हैं। जावेद हमेशा किसी भी मुद्दे पर बेबाक तरीके से अपनी बात रखते हैं। उनके बात रखने के हक को कई बार मुद्दा भी बनाया गया है। जावेद सोशल मीडिया या फिर किसी समारोह आदि के जरिए ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं। हाल ही में उन्होंने ताजमहल विवाद, पद्मावत विवाद, रोहिंग्या मामला, तीन तलाक मामले पर अपनी राय दी है। 
 

Created On :   17 Jan 2018 12:30 PM IST

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