'सेक्सी सायरन' सिल्क स्मिता ने बदनाम होकर कमाया नाम
डिजिटल डेस्क,मुंबई। "कुछ लोगों का नाम उनके काम से होता है...मेरा बदनाम होके हुआ।" साउथ की मशहूर एक्ट्रेस सिल्क स्मिता पर बनी फिल्म "द डर्टी पिक्चर" का ये डायलॉग वाकई सिल्क स्मिता का दास्तां बताता है। जिस जमाने में हीरोइनें लंबी साड़ी में लिपटी रहती थीं। उस दौर में सिल्क स्मिता के तंग और छोटे कपड़ों ने धमाल मचा दिया था। अपने बोल्ड अंदाज से बदनाम हुई सिल्क स्मिता ने कई फिल्मों में काम कर शोहरत और पैसा कमाया लेकिन वो एक चीज नहीं कमा पाई वो थी इज्जत। सिल्क के पर्दे पर आते हैं सीटियां बजने लगती थीं। वहीं पर्दे के पीछे उनसे इंडस्ट्री या बाहर कोई शख्स बात भी नहीं करता था। उनके प्रति लोगों ये बेरुखी सिर्फ उनके काम करने के तरीके की वजह से होती थी। आज भले ही वो इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन साउथ फिल्म इंडस्ट्री की सेक्सी सायरन कही जाने वाली सिल्क के सल्ट्री लुक और सेक्सी अवतार के लिए लोग सिल्क स्मिता को आज भी याद करते हैं। वैसे तो उन पर बनी बायोपिक में लो काफी कुछ जान चुके हैं, लेकिन आज उनके जन्मदिन पर एक फिर उनके जीवन के कुछ पहलुओं को और भी गहराई से जान लेते हैं।
सिल्क स्मिता 2 दिसंबर, 1960 को जन्मी थीं। आंध्र प्रदेश में राजमुंदरी के एल्लुरू में जन्मी विजयालक्ष्मी पहले स्मिता बनी और फिर सिल्क स्मिता। जिसने महज 4 सालों के अंदर ही करीब 200 फिल्में कीं और खुद को इंडस्ट्री में स्थापित किया। सिल्क स्मिता एक कैरेक्टर एक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन उन्हें फिल्ममेकर्स ने हमेशा ही ग्लैमरस रोल दिए।
मनपसंद काम ना मिलने के बावजूद वो लगातार हर वो रोल करतीं गई जो उन्हें ऑफर हुए। एक सिल्क स्मिता की तरक्की से खुश होने वाले लोग थे तो वहीं कुछ ऐसे भी थे जो सिल्क स्मिता की तरक्की और जबरदस्त स्टारडम से खासे खफा थे। उन्हें कुछ लोग अपनी पार्टीज में केवल ग्लैमर के तड़के के लिए बुलाया जाता था। आलम ये हो गया था कि कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर फिल्म के राइट्स तक नहीं खरीदते थे, जब उसमें सिल्क स्मिता का गाना ना हो। मजबूरन फिल्म निर्माताओं को अपनी फिल्म में सिल्क का कम से कम एक आइटम नंबर रखना पड़ता था।
चौथी पास थी सिल्क
अपने दस साल के छोटे से करियर में करीब पांच सौ फिल्मों में काम करने वाली सिल्क स्मिता का परिवार इतना गरीब था कि घर वाले उसे सरकारी स्कूल में भेजने तक का खर्च उठाने में नाकाम रहे। बावजूद उन्होंने अपना नाम कमाया। चौथी क्लास में पढ़ाई छूटी और पहला काम स्मिता को मिला फिल्मों में मेकअप असिस्टेंट का। स्मिता शूटिंग के दौरान हीरोइन के चेहरे पर शॉट्स के बीच टचअप का काम किया करती और यहीं से सिल्क ने हीरोइन बनने का सपना देखना शुरू कर दिया।
जिस हीरोइन का वो टचअप किया करती थी, उसी के खैरख्वाह फिल्मेकर से उसने दोस्ती की पींगें बढ़ाईं और 1979 में मलयालम फिल्म "इनाये थेडी" में पहली बार लोगों ने परदे पर देखी एक ऐसी लड़की जो गोरी नहीं थी, छरहरी नहीं थी, जिसकी अदाओं में शराफत नहीं थी और जिसकी आंखें आम लड़कियों की तरह शर्म से झुकती नहीं थी।
सिल्क ने1980 में रिलीज हुई फिल्म वांडी चक्रम में काम किया। उसमें उन्होंने अपने किरदार को खुद डिजाइन किया और मद्रासी चोली को फैशन स्टेटमेंट बना दिया.इस फिल्म तक उनका नाम सिर्फ स्मिता ही था, लेकिन फिल्म में अपने किरदार सिल्क को मिली शोहरत को उन्होंने अपने साथ जोड़ते हुए अपना नाम सिल्क स्मिता कर लिया। उन्होंने सिल्क, सिल्क, सिल्क नाम की एक फिल्म में लीड रोल भी किया. 1980 से 1983 का दौर सिल्क स्मिता के करियर वो दौर था जिसमें उन्होंने करीब 200 फिल्में की और 10 साल में 500 फिल्में की।
अकेलेपन और शराब की लत ने किया बर्बाद
स्मिता जितनी तेजी से स्टारडम की ऊंचाईयां छू रहीं थीं, उससे किसी को भी जलन हो जाए, लेकिन सफल होने के बाद भी सिल्क स्मिता निजी जिंदगी में काफी अकेली थीं। कोई भी ऐसा नहीं था उनकी जिंदगी में जिससे उन्हें थोड़ा सा भी प्यार नसीब हो जाए। खुद सिल्क स्मिता के घरवाले उनके फिल्मों में आने से खुश नहीं थे। लिहाजा सिल्क स्मिता ने शराब और अकेलेपन को ही अपना राजदार बना लिया और फिर एक दिन रहस्यमय हालातों में खुद को खत्म कर लिया। सिल्क स्मिता की मौत कैसे हुई, ये आज तक किसी को नहीं पता, लेकिन कहा जाता है कि सिल्क स्मिता ने पंखे से लटककर फांसी लगाई।
Created On :   2 Dec 2017 11:56 AM IST