सुशांत मामले को सुलझाने में जुटी सीबीआई, मामला एसआईटी को सौंपा

CBI engaged in solving Sushant case, handed over case to SIT
सुशांत मामले को सुलझाने में जुटी सीबीआई, मामला एसआईटी को सौंपा
सुशांत मामले को सुलझाने में जुटी सीबीआई, मामला एसआईटी को सौंपा

नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। सीबीआई ने 2020 के सबसे हाई प्रोफाइल केस सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले को आखिरकार अपने हाथ में ले लिया है। इस मामले में महाराष्ट्र और बिहार सरकार के बीच कई राजनीतिक विवाद हुए हैं और साथ ही दोनों राज्यों की पुलिस आमने-सामने आ गई थी।

केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) ने इस मामले की जांच एंटी करप्शन यूनिट 6, नई दिल्ली से करवाने के बारे में निर्णय लिया है, जिसने पहले 3600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले और विजय माल्या ऋण धोखाधड़ी मामले की जांच की है।

सीबीआई सूत्रों के अनुसार, एजेंसी ने एसीयू-6 (एसआईटी) को जांच सौंपी है, जिसका गठन सीबीआई के पूर्व निदेशक राकेश अस्थाना ने किया था। यह निर्णय निदेशक आर.के. शुक्ला समेत सीबीआई के अन्य अधिकारियों द्वारा घंटों माथापच्ची करने के बाद लिया गया।

इसके बाद यह मामला एसीयू-6 (एसआईटी) को सौंप दिया गया। सीबीआई ने गुरुवार शाम बिहार सरकार की अनुशंसा पर केस दर्ज कर लिया और इसमें रिया चक्रवर्ती, उसके पिता इंद्रजीत चक्रवर्ती, उसकी मां संध्या चक्रवर्ती, उसके भाई शोविक चक्रवर्ती, श्रुति मोदी, हाउस मैनेजर सैम्युल मिरांडा और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

सुशांत को 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित उनके फ्लैट में मृत पाया गया था। सुशांत के पिता के.के. सिंह के आग्रह पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की थी। इसके अलावा कई राजनेताओं ने सीबीआई जांच की मांग की थी।

के.के सिंह की शिकायत पर बिहार पुलिस ने 25 जुलाई को रिया के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सुशांत के पिता ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी और उनके बेटे को धमकाने का आरोप लगाया था।

एसआईटी की टीम में 1994 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी, संयुक्त निदेशक मनोज शशीधर, गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी डीआईजी गगनदीप गंभीर और पुलिस अधीक्षक नुपूर प्रसाद शामिल हैं। गंभीर का जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ है। उन्होंने अपनी शिक्षा पंजाब विश्वविद्यालय से पूरी की है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, गंभीर ने गत वर्ष समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ कथित कोल घोटाले में जांच की थी। बाद में उन्हें सृजन घोटाले और पत्रकार उपेंद्र राय मामले में शिफ्ट कर दिया गया। एसआईटी ने विजय माल्या मामले में भी सफलतापूर्वक जांच की है।

सूत्र ने कहा कि सघन जांच की वजह से सीबीआई किंगफिशर एयरलाइन के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ प्रत्यर्पण मामले में जीत दर्ज करने में सक्षम रही। एसआईटी ने 36,00 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड मामले में भी जांच की थी और इसने ब्रिटेन के नागरिक और मुख्य बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को गिरफ्तार करने में सफलता पाई थी और उसे दिसंबर 2018 में भारत प्रत्यर्पित किया गया था।

 

Created On :   7 Aug 2020 5:01 PM IST

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