50 फीसदी आबादी के बाद भी महिलाएं अल्पसंख्यक जैसी : आसिम अब्बासी

Even after 50% of the population, women are like a minority: Asim Abbasi
50 फीसदी आबादी के बाद भी महिलाएं अल्पसंख्यक जैसी : आसिम अब्बासी
50 फीसदी आबादी के बाद भी महिलाएं अल्पसंख्यक जैसी : आसिम अब्बासी

नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तानी फिल्म निर्माता आसिम अब्बासी न केवल असल जिंदगी में, बल्कि पर्दे पर भी महिलाओं को कम तवज्जो मिलते देख काफी हैरान रहे हैं।

निर्देशक को लगता है कि विषैली मर्दानगी के बिना संस्कृति का निर्माण करना महत्वपूर्ण है। वह यह भी कहते हैं ऐसी संस्कृति के निर्माण में पुरुष महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि अब्बासी की अपनी जिंदगी एक मजबूत महिला और एक सहानुभूतिपूर्ण पिता से संपन्न रही है।

अब्बासी ने आईएएनएस को बताया, ईमानदार से कहूं तो मैं मजबूत महिलाओं से घिरा हुआ था। मैं ऐसे परिवार से हं,ू जिसमें बहुत सारी बहनें हैं और मेरी मां एक बहुत ही बोल्ड महिला हैं। मेरे पिता बहुत नरम मिजाज के थे। वह नियमों और रूढ़िवादी ²ष्टिकोण वाले नहीं, बल्कि बहुत उदार, खुले और सौम्य पिता थे। जिस सहानुभूति को मैंने अपने पिता में देखा वह अन्य पुरुषों में नहीं देखी और इसीलिए कई बार मैं आश्चर्यचकित रह जाता था।

मैं हमेशा सोचता था कि पुरुष बड़े होकर अपनी भावनाओं को दिखाने में इतने असमर्थ क्यों हो जाते हैं।

उन्होंने आगे कहा, मैं व्यक्तिगत रूप से किसी ऐसी महिला से नहीं मिला, जिसे परेशान किया गया हो या उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया हो, लेकिन ऐसा चारों ओर हो रहा है। बस, आपको एक न्यूजपेपर लेने की जरूरत है। 50 प्रतिशत आबादी होने के बावजूद महिलाओं को अल्पसंख्यक की तरह माना जाता है।

अब्बासी तब चर्चा में आए, जब 2018 में उनकी पहली फीचर फिल्म केक को 91वें ऑस्कर में बेस्ट फॉरेन फिल्म कैटेगरी में पाकिस्तानी प्रविष्टि के रूप में चुना गया था।

हाल ही में उनकी नई वेब सीरीज चुड़ैल्स भारत में ओरिजनल जिंदगी कंटेंट के तौर पर रिलीज हुई है। इस फिल्म में अब्बासी महिलाओं और उनके अधिकारों को लेकर पितृसत्तात्मक समाज के पाखंड को चुनौती देते हैं।

एसडीजे/एसजीके

Created On :   26 Aug 2020 5:30 PM IST

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