प्रयोगात्मक फिल्मों को सहयोग के लिए पॉटबॉयलर्सको करना होगा काम : प्रोसेनजीत

Experimental films will have to work for potboilers for collaboration: Prosenjit
प्रयोगात्मक फिल्मों को सहयोग के लिए पॉटबॉयलर्सको करना होगा काम : प्रोसेनजीत
प्रयोगात्मक फिल्मों को सहयोग के लिए पॉटबॉयलर्सको करना होगा काम : प्रोसेनजीत
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मुंबई, 30 जुलाई (आईएएनएस)। बांग्ला फिल्म उद्योग के सुपरस्टार प्रोसेनजीत चटर्जी, जिन्होंने तीन दशकों से अधिक समय तक फिल्मों में काम किया है, उनका कहना है कि कमर्शियल, बिग-बजट सिनेमा को न सिर्फ उद्योग के विकास के लिए, बल्कि एक्सपेरिमेंटल आर्टहाउस का समर्थन करने के लिए भी बॉक्स ऑफिस पर पैसा कमाना है।

प्रोसेनजीत ने आईएएनएस से कहा, मैं उन अभिनेताओं में से एक हूं, जो यह मानते हैं कि एक्सपेरिमेंटल कहानी कहने को प्रोत्साहित करने के लिए, कमर्शियल सिनेमा को काम करना होगा। हां, समय के साथ कमर्शियल सिनेमा की भाषा को बदलना पड़ता है, लेकिन बड़े बजट के कमर्शियल पॉटबॉयलर को हमारे फिल्म उद्योग की आर्थिक वृद्धि के लिए काम करना पड़ता है।

वह अभिनेता, जिन्होंने साल 1968 में एक बाल कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया था, उन्होंने कहा, जब मैंने सिनेमा में अपना करियर शुरू किया और मुख्यधारा की मसाला फिल्मों में मुख्य अभिनेता के रूप में काम किया, तो बजट लगभग 20 लाख रुपये हुआ करता था। जब मैंने इस तरह की मुख्यधारा के काम को छोड़ दिया और अपने गियर को कंटेंट आधारित सिनेमा में स्थानांतरित कर दिया, और रितु (रितुपर्णो घोष), गौतम घोष, बुद्धदेव दासगुप्ता, सृजित (मुखर्जी) और कौशिक गांगुली के साथ काम किया, तो एक बांग्ला फिल्म के बजट का विस्तार 2 करोड़ रुपये तक हुआ। 20 लाख से 2 करोड़ की यात्रा आर्थिक विकास और बढ़ते बाजार की बात करती है जो हमारे सिनेमा के पास है। यह कमर्शियल सिनेमा की सफलता के कारण ही संभव हो पाया है।

Created On :   30 July 2020 5:31 PM IST

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