Metoo पर फिल्म क्रिटिक कोमल नाहटा बोले- मीडिया न दे कोई जजमेंट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। एंटरटेनमेंट के कितने ही नए माध्यम क्यों न आ जाएं, पर सिनेमा नहीं मर सकता और एक बात यह भी विशेष है कि सिनेमा देखने का जो आनंद थियेटर में है, वो घर पर या मोबाइल पर नहीं आता। फिल्म क्रिटिक कोमल नाहटा ने कहा कि एक अच्छा क्रिटिक वही है, जो फिल्म के रिलीज होने के बाद फिल्म की आलोचना करे। जब तक फिल्म पब्लिक के बीच न आ जाए, तब तक रिव्यू न लिखें। इससे फिल्म पर असर पड़ता है। उनसे फिल्मों के बिजनेस पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि अगर किसी फिल्म के बारे में कहा जाता है कि इस फिल्म ने एक वीक में 50 करोड़ का बिजनेस किया, तो यह शत-प्रतिशत सही होता है।
कुछ ही डायरेक्टर ऐसे हैं, जो इस बारे में गलत खबर देते हैं, पर यह सच होता है। आजकल मल्टीप्लेक्स इतने बढ़ गए हैं साथ ही टिकट का रेट भी इतना ज्यादा होता है कि जो आंकड़ा बताते हैं वो सही होता है। आज मुंबई में करीब 80 मल्टीप्लेक्स हैं, जहां पर 800 से 1000 शो डेली होते हैं और टिकट भी 200 से 500 रुपए का होता है, तो आंकड़ा सही होता है। उन्होंने मराठी फिल्मों की स्थिति के बारे में कहा कि मराठी फिल्मों की स्थिति अच्छी है। अभी तो मराठी फिल्मों के गोल्डन डेज चल रहे हैं, इसलिए हिंदी फिल्म के प्रोड्यूसर मराठी फिल्मों में पैसा लगाने को तैयार हैं। मराठी फिल्म ‘सैराट’ ने पूरे महाराष्ट्र में धूम मचा दी थी। इसका हिन्दी वर्जन ‘धड़क’ ने पूरे भारत में बिजनेस किया था, जितना कि सैराट ने महाराष्ट्र में किया, इसी से मराठी फिल्मों की स्थिति का पता लगाया जा सकता है।
Metoo : मीडिया जजमेंट न दे
कोमल नाहटा ने हाल ही चल रहे Metoo हैश टैग के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी मामले में मीडिया को जजमेंट नहीं देना चाहिए। जजमेंट देने का काम कोर्ट का है, मीडिया का काम सिर्फ रिपोर्ट सबमिट करना है। मीडिया को निष्पक्ष होकर अपनी रिपोर्टिंग करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि Metoo के बारे में जब अमिताभ बच्चन से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि मुझे कैसे पता कोई भी सही हो सकता है। इसी तरह उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई किस्सों को शेयर किया। पत्रकार वार्ता के दौरान राहुल पांडे, विक्रांत शांडिल्य, संजय तिवारी मौजूद थे।
Created On :   19 Oct 2018 4:23 PM IST