Bollywood Holi: होली के रंग बॉलीवुड के गीतों के संग, ऐसे मनता था फिल्मी फगुआ
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कहते हैं कि बॉलीवुड की फिल्मों में खेली गई होली को देखकर ही आम इंसान भी अपनी होली को उसी रंग में खलने की कोशिश करता है। बॉलीवुड की कई फिल्मों में ऐसी होली खेल गई कि जिनके गानों ने आम आदमी की जिंदगी में रस घोल दिया। इन गानों का बजना और लोगों का थिरकना जैसे किसी परंपरा की तरह हो गया है। होली के त्यौहार का उत्साह बढ़ाने में बॉलीवुड ने हमारा खूब साथ दिया है। होली के दिन हम आपको ऐसी ही फिल्मों में खेली गई होली के गीतों से रूबरू करवाते हैं….
साल 1957 में आई फिल्म मदर इंडिया में दिखाए गए होली के गीत “होली आई रे कन्हाई रंग बरसे सुना दे जरा बासुरी” आज तक लोगों के जेहन से नहीं मिटा है।
1959 में आई वी शांताराम की फिल्म ‘नवरंग’ का गीत “जा रे हट नटखट…पलट के दूंगी आज तुझे गाली रे…” आज भी झूमने पर मजबूर कर देता है।
1960 में आई फिल्म कोहिनूर का वो गीत “तन रंग लो जी आज मन रंग लो” आज भी हमारे बुजुर्गों को झूमने पर मजबर कर देता है।
1982 में फिल्म ‘नदिया के पार’ में जैसा फगुआ खेला गया, वह आज भी हमारे गांवों में खेला जाता है। असल मायनों में वहीं फगुआ जीवन भर याद रहता है। इस फिल्म के गाने “जोगी जी वाह..जोगी जी धीरे धीरे” ने होली को एक नया आयाम दिया।
1963 फिल्म ‘गोदान’ की वो गीत “होली खेलत नंदलाल बिरज में” आज भी आगरा-मथुरा में जोरों पर बजता है।
1966 में फिल्म ‘फूल और पत्थर’ के होली गीत “लाई है हजारों रंग होली” आज भी अभिनेता धर्मेंद के फैंस के लिए एक तौहफा सा होता है।
1970 में आयी राजेश खन्ना और आशा पारेख स्टारर फिल्म ‘कटी पंतग’ का गीत “आज न छोडेंग़े हमजोली खेलेंगे हम होली” प्रेम का असली प्रतीक बन गया।
1973 आई वहीदा रहमान और धर्मेंन्द्र की फिल्म फागुन का गाना “फ़ागुन आयो रे” और इसी साल आई नमक हराम का गाना ‘नदिया से दरिया’ भी बहुत अहम रहा।
Created On :   2 March 2018 9:35 AM IST