मैं जिन गीतों का इस्तेमाल करता हूं, उनके बारे में हमेशा सचेत रहा हूं

I have always been conscious about the songs I use: Daler Mehndi
मैं जिन गीतों का इस्तेमाल करता हूं, उनके बारे में हमेशा सचेत रहा हूं
दलेर मेहंदी मैं जिन गीतों का इस्तेमाल करता हूं, उनके बारे में हमेशा सचेत रहा हूं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाबी गायक दलेर मेहंदी जो कि 13 साल की उम्र में रेडियो पर एक आवाज सुनकर उस गायक से मिलने के लिए घर से भाग गए थे और उसके बाद गोरखपुर के उस्ताद राहत अली खान से प्रशिक्षण लिया और गायन की पटियाला घराना शैली को आत्मसात करते हुए बहुत बड़े गायक बन गए।

अपने अनुभव और संगीत के प्रति प्रेम को लेकर पंजाबी गायक दलेर मेहंदी ने अपना अनुभव साझा किया।

दलेर मेंहदी कहते हैं, संगीत के प्रति मेरी प्रतिबद्धता जीवन के लिए सांस की तरह है।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, यह मेरा सर्वोच्च सत्य है और मेरे जीवन का एकमात्र उद्देश्य है। मेरा मानना है कि सोशल मीडिया की वजह से संगीत की दुनिया में बहुत सारे बदलाव देखने को मिले हैं।

दलेर मेहंदी कहते हैं, यह सभी कलाकारों के लिए एक अच्छा समय है। तेजी से खपत के इस युग में विविधता एक कुंजी है। अपने संगीत पर लगातार काम करने और यह सुनिश्चित करने में सक्षम होना एक बहुत अच्छा एहसास है कि यह समय पर और नियमित रूप से सामने आता है।

ऐसे समय में, जब पंजाबी गायक मूसेवाला की हाल में हुई हत्या के बाद समकालीन पंजाबी गीतों के बोल के बारे में बहुत बहस हुई है, मेहंदी का कहना है, मैं हमेशा अपने द्वारा उपयोग किए जाने वाले गीतों के बारे में बेहद सचेत रहा हूं।

गायक कहते हैं, एक कलाकार के रूप में हमारी कला में समाज में व्यवहार परिवर्तन लाने की क्षमता है। मेरा मानना है कि हम में से प्रत्येक को इसके लिए प्रयास करना चाहिए। कलाकारों के लिए यह बेहद जरूरी है कि हम जो कर रहे हैं, उसके बारे में जागरूक रहें।

गायक का मानना है, यह महत्वपूर्ण है कि युवा और आने वाले गायक शॉर्टकट की तलाश न करें। उनका कहना है कि लगातार रियाज सबसे जरूरी है। इसके अलावा गायकों के लिए विनम्रता महत्वपूर्ण है और शराब व नशीली दवाओं से दूर रहने से उन्हें बहुत लाभ होगा।

गायक आगे गायक कहते हैं, प्रसिद्ध नमो नमो इस्लामाबाद में मंच पर प्रस्तुति के दौरान बनाया गया था और नागपुर के मंच पर मैंने संगीत के साथ कुड़ियां शहर दिया शब्दों का इस्तेमाल किया था।

गायक दलेर मेहंदी का अंत में कहना है कि सरकार और बड़े कॉर्पोरेट को संगीतकारों और कलाकारों को संरक्षण देना चाहिए, क्योंकि वे भविष्य की पीढ़ियों के लिए मूल्यों और कला संस्कृति के संरक्षक हैं।

दलेर मेहंदी कुछ महत्वपूर्ण गानों जैसे तुनक तुनक तुन, हो जाएगी बल्ले बल्ले और दर्दी रब जैसे गीतों के लिए जाने जाते हैं।

 

आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   13 July 2022 7:31 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story