भारतीय मनोरंजन उद्योग लॉकडाउन के कारण बुरी हालत में
मुंबई, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। गर्मी के मौसम में, मस्ती, मनोरंजन और आनंद के लिए लाखों युवा और बूढ़े लोग देश के बड़े और छोटे मनोरंजन पार्कों में घूमते हैं।
लेकिन मौजूदा हालात के चलते अधिकांश अन्य क्षेत्रों की तरह मनोरंजन उद्योग पर भी इसका बुरा असर पड़ा है क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग के कारण ये बंद है।
इस क्षेत्र के बड़े प्लेयर्स का मानना है कि प्रति वर्ष 2,700 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले मनोरंजन उद्योग में 1,100 करोड़ रुपये के अनुमानित नुकसान की संभावना है।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ अम्यूजमेंट पार्क एंड इंडस्ट्रीज (आईएएपीआई) के अध्यक्ष अजय सरीन ने आईएएनएस को बताया ने कहा,हमारे बिजनेस का पीक मौसम मार्च से जून तक है। अक्टूबर से फरवरी के पिछले कुछ महीनों में विभिन्न बाहरी कारणों के चलते व्यापार नहीं रहा और अब 15 मार्च से मनोरंजन पार्क बंद होने के साथ ही इसका भविष्य बेरंग लगता है।
आईएएपीआई देश के सभी प्रमुख ओपन-एयर अम्यूजमेंट पार्कों का शीर्ष निकाय है, जिसमें 150 सदस्य हैं। साथ ही लगभग 65 दर्जन इनडोर मनोरंजन केंद्र (मॉल में) और खेलों के लगभग 100 निमार्ता भी हैं।
हैदराबाद की रामोजी फिल्म सिटी के सीईओ और आईएएपीआई के उपाध्यक्ष राजीव जालनापुरकर ने कहा कि यह उद्योग सीधे तौर पर 80,000 से अधिक लोगों को रोजगार देता है, वहीं सीजन के समय 5,000 से अधिक लोगों को काम पर रखता है। इस तरह यह स्थानीय समुदायों सहित लाखों अन्य लोगों को भी अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है।
जालनापर ने आईएएनएस को बताया, हमने बड़े निवेश किए हैं, बड़े बुनियादी ढांचे बनाए हैं और बडे स्तर पर रोजगार प्रदान करते हैं लेकिन हमें उद्योग के स्टेटस से वंचित किया गया। देश को खोलने के बाद भी, सरकार ने स्पष्टता नहीं दी है कि यह हमारे अस्तित्व और पुनरुद्धार को कैसे सुनिश्चित करेंगे।
महाराष्ट्र के एडलैब्स इमेजिका के संयुक्त सीईओ धीमंत बख्शी ने कहा, लॉकडाउन के कारण, हमारा मुख्य सीजन बर्बाद हो गया है। इसके हटने के बाद भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि सैलरी में कटौती आदि के साथ मौजूदा हालात को देखते हुए मनोरंजन उद्योग में भीड़ वापस आएगी। मेरा व्यक्तिगत अनुमान है कि इस इण्डस्ट्री को सामान्य होने में कम से कम 3 से 4 साल का समय लगेगा।
आईएएपीआई ने ऋण और कार्यशील पूंजी पर मूलधन और ब्याज भुगतान की किस्तों पर 12 महीने की मोहलत मांगी है, साथ ही ब्याज मुक्त और संपाश्र्विक-मुक्त शर्तों पर कार्यशील पूंजी की सीमा को दोगुना करने के लिए कहा है। उन्होंने प्रभावित मनोरंजन उद्योग के कर्मचारियों के मूल वेतन में मदद देने के लिए मनरेगा की तरह एक वर्ष के लिए सहायता निधि सीधे स्थानांतरण करने की मांग की है।
उन्होंने जल-बिजली की दरों में कमी, आयकर की कम दर और आईटी रिफंड के जल्द निपटारे के लिए भी कहा है। इसके अलावा ईएसआईसी द्वारा लॉकडाउन अवधि के लिए ईएसआई के तहत शामिल कर्मचारियों के पूरे वेतन का भुगतान करने की मांग की है।
सरीन ने कहा कि श्रम और रोजगार सचिव हीरालाल समारिया के मंत्रालय की सलाह के अनुसार, आईएएपीआई ने सभी सदस्यों को कर्मचारियों को बर्खास्त नहीं करने और उन्हें मार्च और स्थितियों के सामान्य होने तक के लिए बिना किसी कटौती के वेतन का भुगतान करने के लिए कहा है।
Created On :   18 April 2020 2:30 PM IST