चुनाव की तारीखों पर शुरू हुई सियायत, जावेद अख्तर ने की नाराजगी व्यक्त
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। लोकसभा चुनाव 2019 जल्द ही आने वाले हैं। रविवार को चुनाव की तारीखों का बिगुल बज चुका है। कोई भी राजनैतिक मुद्दा हो, वह बिना किसी सियासत के अधूरा सा रहता है। यही कारण है कि चुनाव की तारीफों पर भी सियायत शुरू हो गई। इस समय सोशल मीडिया पर बहस चल रही है। रमजान के दौरान हो रही वोटिंग पर लोग अपनी अपनी राय रख रहे हैं। इसे जान बूझ कर धर्म से जोड़ा जा रहा है।
I find this whole discussion about Ramzan and elections totally disgusting . This is the kind of distorted and convoluted version of secularism that to me is repulsive , revolting and intolerable . EC shouldn’t consider it for a second .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 11, 2019
कुछ लोग निर्वाचन आयोग से चुनाव की तारीखों को बदलने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उनका कहना है कि यह तारीखें रमजान की बीच है। सोशल मीडिया पर हो रही बातों इस तरह की बहस के कारण जावेद अख्तर काफी नाराज हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि "रमजान और चुनाव के बारे में हो रही बहस घिनौनी है। चुनाव को रमजान से जोड़ना ठीक नहीं है। ये धर्मनिरपेक्षता का एक विकृत संस्करण है, जो मेरे लिए असहनीय है। चुनाव आयोग को इस पर विचार नहीं करना चाहिए।"
बताते चलें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और ऑल इंडिया मुस्लिम वुमन पर्सनल लॉ बोर्ड ने लोकसभा चुनाव की तारीखों पर आपत्ति जताई है। चुनाव आयोग से तारीखें बदलने पर विचार करने की मांग भी की है। लोकसभा चुनाव 2019 मई महीने में रमजान के दौरान होंगे।
गीतकार जावेद अख्तर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वे हर मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त करते हैं। हालही में जम्मू में हुए पुलवामा अटैक पर भी जावेद अख्तर ने अपनी राय रखी थी। उन्होंने कहा था कि "अब ऐसी स्थिति में पाकिस्तान के साथ संबंध रखना मुमकिन नहीं है। ये सब बर्दाश्त से बाहर है। अब हालात ऐसे हैं कि पाकिस्तान से किसी तरह की बात नहीं की जा सकती।"
इस हमले के बाद जावेद और शबाना आजमी ने कराची आर्ट फेस्टिवल में शामिल होने से मना कर दिया था। वहीं कुछ लोगों का आरोप था कि शबाना स्वाइन फ्लू की वजह से पाकिस्तान नहीं जा सकी, इसलिए पुलवामा का बहाना बनाया गया।
Created On :   12 March 2019 2:37 PM IST