कट्टरपंथियों पर बरसे जावेद अख्तर, बोले-"इंडस्ट्री धर्मनिर्पेक्षता का गढ़, गंदा न करें"
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड एक्टर आमिर खान इन दिनों अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट "महाभारत" को लेकर सुर्खियों में हैं। फिल्म में उनके कृष्ण का किरदार निभाने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जिस पर बॉलीवुड के कई सेलिब्रिटीज सामने आए और आमिर खान के बचाव में उतरे। इसी क्रम में मशहूर पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने एक ट्वीट किया है, जो सुर्खियों में है। इस बार उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कट्टरपंथियों पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया है कि "मैं कुछ लोगों को बताना चाहूंगा कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को हिंदू-मुसलमान या धर्म के तराजू में ना तौले क्योंकि ये इंडस्ट्री इन सब से काफी ऊपर है। मैं इस इंडस्ट्री में वर्ष 1965 में आया था जब मेरी तनख्वाह 50 रुपए थी। मैंने इन 53 वर्षों में कभी भी किसी सांप्रदायिक तत्व को न देखा और न ऐसा कुछ अनुभव किया। भारतीय सिनेमा जगत धर्मनिरपेक्षता का गढ़ है, कट्टरपंथी लोग इसे दूषित न करें।"
I had joined film industry in 1965 on a salary of 50 rupees per month. In these 53 years not for a second I have experienced or even seen any communal bias in our industry . This Film industry is the citadel of secularism . Bigots , don’t try to pollute it .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 28, 2018
आमिर खान के धर्म पर उठे सवाल
हाल ही में भारतीय मूल के फ्रैंच पत्रकार फ्रांको गौतियर ने आमिर खान के धर्म पर सवाल खड़े किए थे। गौतियर ने सवाल उठाया था कि वो एक मुस्लिम होकर कैसे ये रोल कर सकते हैं। जिस पर जावेद अख्तर ने ये टिप्पणी की है, हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है। "महाभारत" में कृष्ण के किरदार में आमिर खान दिखाई देंगे, यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है। वह अपने ड्रीम प्रोजेक्ट "महाभारत" पर जल्द काम शुरु करने वाले हैं। इस फिल्म का बजट 1000 करोड़ रुपए का है, जिसमें मुकेश अंबानी का पैसा लगेगा।
जावेद अख्तर बोले-यहां पक्षपात की संभावना नहीं
फ्रेंच मूल के पत्रकार फ्रेंकॉइस गॉतियर की विवादित टिप्पणी के बाद एक बड़ी बहस छिड़ गई है। उनकी इस टिप्पणी पर दिग्गज लेखक-गीतकार और शायर जावेद अख्तर भी काफी भड़क गए। जावेद साहब ने कहा कौन तुम्हें जहर फैलाने के पैसे दे रहा है? क्या तुमने फ्रांस के पीटर ब्रूक्स के प्रोडक्शन में बनी महाभारत नहीं देखी? मैं उस विदेशी एजेंसी के बारे में जानना चाहता हूं जो तुम्हें इस तरह के जहरीले विचार हमारे देश में फैलाने के लिए पैसे दे रही है। जावेद अख्तर ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री एक ऐसी जगह है जहां सेक्युलरिज्म हमेशा से रहा है। यहां पक्षपात की कोई संभावना नहीं है।
Created On :   29 March 2018 2:42 PM IST