राहुल बोस: हर बार सामाजिक जिम्मेदारियों का भार सेलिब्रिटीज को देना ठीक नहीं
मुंबई, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। बॉलीवुड अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता राहुल बोस का कहना है कि सेलिब्रिटी समेत हर व्यक्ति की प्रमुख जिम्मेदारी ऊंचे मूल्यों के साथ एक अच्छा इंसान बनना है। बोस ने घरेलू हिंसा के खिलाफ एक डिजिटल अभियान में भी आवाज बुलंद की है।
रिपोटरें में बताया गया है कि लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि हुई है।
राहुल ने आईएएनएस को बताया,दुनिया भर में प्रकाशित लेखों और उपाख्यानों के आंकड़ों में कहा गया है कि यूरोपीय देशों, उत्तरी अमेरिका और भारत सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में घरेलू हिंसा कैसे बढ़ी है। लॉकडाउन के दौरान जब परिवार के पुरुष सदस्य घर पर रहते हैं, तो वे निराश हो जाते हैं। वहीं महिलाएं को पुरुषों की अनुपस्थिति में जो थोड़ी सी आजादी मिल जाती थी वह भी नहीं मिल रही हैं। इसलिए, दोनों के लिए निराशा बढ़ रही है। स्वाभाविक रूप से ऐसा स्थितियों में घरेलू हिंसा बढी है।
अभियान हैशटैग लॉकडाउन डोमेस्टिक वायलेंस को अक्षरा केंद्र द्वारा शुरू किया गया है। इसे करण जौहर, विद्या बालन, माधुरी दीक्षित, अनुष्का शर्मा, विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर, रोहित शर्मा, दिया मिर्ज़ा, फरहान अख्तर जैसी कई हस्तियों द्वारा प्रचार किया गया है।
उन्होंने कहा, यह बहुत अच्छा है कि प्रमुख बॉलीवुड चेहरों के साथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने भी इस अभियान का समर्थन किया है।
यह पहली बार नहीं है , जब अभिनेता सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए आगे आए हैं। वह लगातार बच्चों की शिक्षा, सामाजिक बदलाव, जलवायु परिवर्तन और अन्य मुद्दों के बीच लैंगिक समानता जैसी सामाजिक पहलों पर काम कर रहे हैं।
एक सेलिब्रिटी की सामाजिक जिम्मेदारी को लेकर राहुल ने कहा, आप एक सेलिब्रिटी हैं या नहीं है आपकी एकमात्र महत्वपूर्ण जिम्मेदारी यह है कि आप एक अच्छा इंसान बनें जिसमें सहनशीलता, गैर-भेदभाव, करुणा, अहिंसा आदि हो। जब कोई लोकप्रिय व्यक्तित्व किसी मुद्दे पर आवाज उठाता है तो मतलब है कि वह उस पर विश्वास करता है। लेकिन जब हम कहते हैं कि आप सेलिब्रिटी हैं तो आपको इस सामाजिक मुद्दे पर बात करनी चाहिए। इस बात से मैं कुछ असहमत हूं। हर जिम्मेदारी सेलिब्रिटी के कंधे पर रखना ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा, हमारे लॉकडाउन ऑन डोमेस्टिक वायलेंस अभियान को केवल दो दिनों में पांच मिलियन व्यूज मिल चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। हमारे पास शक्ति है और अगर इसका उपयोग प्रभावी तरीके से किया जाता है, तो समाज को लाभ होता है।
Created On :   29 April 2020 1:30 PM IST