Republic Day 2018: भारत के लोगों के दिलों में देशभक्ति का भाव जगाती हैं ये फिल्में

Republic Day 2018 patriotism awakens in hearts of indian people by these films
Republic Day 2018: भारत के लोगों के दिलों में देशभक्ति का भाव जगाती हैं ये फिल्में
Republic Day 2018: भारत के लोगों के दिलों में देशभक्ति का भाव जगाती हैं ये फिल्में

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारत गणतंत्र दिवस मना रहा है। वैसे तो हर साल हम सभी इस दिन को बड़े ही गौरव के साथ मनाते हैं। कभी दिल्ली में इंडिया गेट पर परेड देखते हुए लुत्फ उठाते हैं तो कभी देशभक्ति पर बने सिनेमा को देखकर इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं। हर साल बॉलीवुड इंडस्ट्री देशभक्ति को लेकर कई फिल्में बनाती है। कई फिल्में पहले भी बन चुकी हैं। इंडियन सिनेमा ने देश में आजादी के संघर्ष से लेकर आजादी के महावीरों तक को अपनी फिल्‍मों में शानदार तरीके से उतारा है। यह फिल्में अहम संदेश देने के साथ-साथ हमें उस दौर और हालात से सीधे जोड़ देती हैं, जिनमें जूझते हुए हमें यह अनमोल आजादी मिली है। ये फिल्में देश के प्रत्येक नागरिकों के सीने में राष्ट्रभक्ति का जज्बा जगाती है। आज हम आपको गणतंत्र दिवस के मौके पर ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में बताएंगे जो देशभक्ति की भावना जगाने के काम करती हैं।

 

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ये फिल्में अपने समय की सटीक कहानी कहती हैं, इन फिल्मों को न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर भी खूब सराहा गया और दर्शकों का प्यार भी मिला।

 

 

 

1- शहीद

 

1965 में एक फिल्म आई थी, "शहीद" जिसमें भगत सिंह के जीवन पर बहुत कुछ दिखाया गया, उनका संघर्ष, उनकी देशभक्ति की भावना, उनका बलिदान सब कुछ दिखाया गया। "शहीद" में मनोज कुमार ने शहीद भगत सिंह का दमदार किरदार निभाया था और प्रेम चोपड़ा शहीद सुखदेव के किरदार में नजर आए थे। 13वें राष्ट्रीय फिल्‍म अवार्ड की सूची में "शहीद" ने हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ फिल्‍म का पुरस्कार जीता।

 

 

 
 
 

 

2- हकीकत

 

भारत और चीन के बीच 1962 में हुई जंग पर आधारित "हकीकत" का निर्देशन चेतन आनंद ने किया था।  "हकीकत" का "हिन्दी-चीनी भाई-भाई" का नारा देशभर में खूब मशहूर हुआ था, यह फिल्म देखकर 1962 के दौर की झलक बड़े पर्दे पर देखने को मिलेगी जब एक मुल्क जंग के साथ अपने दोस्त का भरोसा भी हार गया था। 

 

 

 

3- ललकार

 

1972 में आई फिल्म ललकार ने भी देशभक्ति की भावना जगाने का काम किया। इस फिल्म में धर्मेंद्र, राजेन्द्र कुमार ने जबरदस्त अभिनय किया। यह फिल्म द्वितीय विश्व युद्ध के समय पर बनी थी, जिसमें इंडियन सीक्रेट सर्विस का योगदान दिखाया गया।

 

 

 

 

4- गांधी

 

1982 में राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी पर बनी फिल्‍म "गांधी" आजादी पर आधारित है। इस फिल्‍म में गांधी की भूमिका किसी भारतीय ने नहीं बल्कि ब्रिटिश एक्टर सर बेन किंग्सले ने निभाई। इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। दिलचस्प यह कि गांधी पर इतनी जबरदस्त फिल्म बॉलीवुड आज तक नहीं बन सका है।

 

 

5- उपकार

 

शास्त्री  जी के सुझाव पर एक्टर मनोज कुमार ने एक फिल्म का निर्देशन-निर्माण किया। जिसका नाम था "उपकार। इस फिल्म के गीतों की भी कहानी है।  "उपकार को तीन राष्ट्रीय पुरस्कार और छह फिल्मफेयर पुरस्कार मिले थे।  "मेरी देश की धरती", "आया झूम के बसंत" फिल्म के लोकप्रिय गाने है। फिल्म जय जवाब, जय किसान के नारे से प्रेरित थी। 

 

 

 

6- बॉर्डर

 

देश की सीमा पर लड़ने वाले जवानों की फिल्‍म "बॉर्डर" के गाने आज भी हर स्‍वतंत्रता दिवस पर बजाए जाते हैं। बॉर्डर के संवाद लोगों को भुलाए नहीं भूलते हैं। 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान राजस्थान में लड़ी गई लड़ाई पर बनी बॉर्डर सच्ची घटनाओं से प्रेरित थी। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे पंजाब रेजिमेंट के जवानों ने मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना की पूरी टैंक रेजिमेंट के खिलाफ अपनी पोस्ट को बचाए रखा था।

 

 

 

 

7- द लेजेंड ऑफ भगत सिंह

 

भगत सिंह का किरदार एक बार फिर से एक्टर अजय देवगन ने निभाया, 2002 में आई निर्देशक राजकुमार संतोषी की फिल्‍म "द लेजेंड ऑफ भगत सिंह" ने लगभग हर किसी की जुबां पर शहीद भगतसिंह का नाम फिर से चढ़ा दिया। इस फिल्म में ऑन स्क्रीन भगत सिंह के रूप में अजय देवगन के काम को काफी सराहा गया।

 

  

 

8- लगान

अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद करने और देशभक्ति से भरपूर फिल्म "लगान" में आमिर खान ने बेहतरीन अभिनय कर दर्शकों के दिल पर राज किया। आशुतोष गोवारिकर द्वारा निर्देशित "लगान" में आमिर खान, ग्रेसी सिंह, पॉल ब्लैकथॉर्न जैसे कलाकार नजर आए। "लगान" को ऑस्कर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था, फिल्म में क्रिकेट और देशभक्ति के जज्बे का मिक्सचर पेश किया गया था।

 

 

 

9-1971

 

2007 में आई मनोज बाजपेई की फिल्म 1971 में दिखाया गया है कि पाकिस्तान में कैद कुछ भारतीय सैनिकों का कैंप किस तरह से पाकिस्तानी सैनिकों को मार भारत की सरहद तक पहुंचता है। इस फिल्म को नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया।

 

 

 

 

10-खेले हम जी जान से

 

2010 में आई आशुतोष गोवारिकर की फिल्म खेले हम जी जान से में दिखाया गया कि कैसे एक टीचर 64 युवाओं  का एक ग्रुप बना कर ब्रिटिश एम्पायर के खिलाफ क्रांति छेड़ देता है। यह फिल्म मनीनी चटर्जी की किताब डू एंड डाई चटगांव में विद्रोह पर आधारित थी।

Created On :   26 Jan 2018 12:05 PM IST

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