REVEALED : 2019 में ‘केसरी’ लेकर आएंगे खिलाड़ी कुमार, सोशल मीडिया पर की घोषणा
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। "रुस्तम" से नेशनल अवॉर्ड पाने वाले अक्षय कुमार को आर्मी से स्पेशल लगाव है। आपको बता दें फिल्मों में आने के पहले अक्षय कुमार इंडियन आर्मी का हिस्सा बनने का सपना रखते थे और उन्होंने फिल्मों में आने के बाद भी अपने सपने को जिंदा रखा है। अब वो फिल्मों के जरिए कुछ समय के लिए ही सही लेकिन अपनी इच्छा पूरी कर लेते हैं। इसी जुनून ने उनको नेशनल अवॉर्ड भी दिलवाया है।
बेबी, रुस्तम, नाम शबाना और अब ‘केसरी’
आप सोच रहे होंगे कि हमने "केसरी" का नाम क्यों लिया ऐसी तो अभी तक कोई फिल्म नहीं बनी है तो आपको बता दें, अक्षय ने हाल ही में सोशल मीडिया पर ये जानकारी शेयर की है और बताया कि वो 2019 में ‘केसरी’ फिल्म लेकर आएंगे। उन्होंने फिल्म की तैयारियां भी शुरू कर दी है। ये फिल्म वो करण जौहर के साथ मिलकर बनाने वाले हैं, जिसका डायरेक्शन अनुराग सिंह करेंगे। ये फिल्म इतिहास की आठ लड़ाइयों में से एक मानी जाने वाली 1897 में लड़ी गई ‘बैटल ऑफ सारागढ़ी’ पर बनाई जा रही है।
‘गोल्ड’ की शूटिंग में बिजी हैं अक्षय
खिलाड़ी कुमार इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म गोल्ड की शूटिंग में व्यस्त है लेकिन फिर भी वो अपने फैन्स का पूरा ध्यान रखते हैं और सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय रहते हैं। वहीं फिल्हाल वो ‘पैडमैन’ और गुलशन कुमार के जीवन पर आधारित फिल्म ‘मोगुल’ की शूटिंग में व्यस्त हैं।
क्या है बैटल ऑफ सारागढ़ी?
सारागढ़ी युद्ध इतिहास की महानतम आठ लड़ाइयों में गिना जाता है। इसमें 21 सिखों ने 10000 अफगान पश्तूनों के खिलाफ युद्ध किया था। 12 सितम्बर 1897 को लड़े गए इस युद्ध में अफगान पश्तूनों ने तत्कालीन भारतीय आर्मी पोस्ट सारागढ़ी पर आक्रमण कर दिया, उनको लगा था कि इस आर्मी पोस्ट पर जीत हासिल करना आसान होगा, लेकिन ब्रिटिश इंडियन आर्मी की 36वीं सिख बटालियन के 21 सिख सिपाहियों ने उनको लोहे के चने चबवा दिए।
सिख बहादुरों ने भागने के बजाय अपनी आखिरी सांस तक लड़ने का फैसला किया, जब गोलियां खत्म हो गयी तो तलवारों से युद्ध हुआ। ऐसा घमासान युद्ध हुआ कि उसकी मिसालें आज तक दी जाती हैं। मानव इतिहास में ऐसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं है, जब ऐसा भयंकर मुकाबला हुआ हो। लेकिन अंत में 21 के 21 सिख सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, लेकिन 600 से अधिक अफगानों को मौत की नींद सुलाकर।
उन महान भारतीय सैनिकों को मरणोपरांत ब्रिटिश साम्राज्य की तरफ से बहादुरी का सर्वोच्च पुरस्कार Indian Order of Merit प्रदान किया गया। यह पुरस्कार आज के परमवीर चक्र के बराबर होता है। 12 सितम्बर को Saragarhi Day घोषित किया गया और यह आज भी हर वर्ष ब्रिटेन, इंग्लैंड में मनाया जाता है। भारत में सिख रेजीमेंट इसे रेजीमेंटल बैटल ऑनर्स डे के रूप में मनाती है।
Created On :   11 Oct 2017 9:55 AM IST