'शेफ' में सैफ ने किया शानदार काम, फिल्म देखने से पहले पढ़ें रिव्यू
मुख्य कलाकार: सैफ अली खान, स्वर कांबले, पद्मप्रिया जानकीरमन, दिनेश प्रभाकर, चन्दन रॉय सान्याल
निर्देशक: राजा कृष्णा मेनन
निर्माता: साजिद नाडियाडवाला
समय: 2 घंटा 14 मिनट
स्टार: 3
डिजिटल डेस्क,मुंबई। शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म "शेफ" को लेकर लोगों में काफी एक्साइटमेंट था, क्योंकि लंबे वक्त बाद सैफ अली खान की कोई फिल्म रिलीज हुई है। ब्रेक के बाद किसी फिल्म में दिखना किसी भी एक्टर और उसके फैंस दोनों के लिए काफी उम्मीदों भरा होता है। फैन्स को उम्मीद होती है अपने फैवरेट को किसी अच्छी फिल्म में अच्छा काम करते देखना और एक्टर को उम्मीद होती है कि फैंस को उसका काम पसंद आए। शेफ ऐसी ही फिल्म है जो दोनों की उम्मीदों को पूरा करती दिखाई दी।
फिल्म शैफ साल 2014 में अमेरिकन कॉमेडी ड्रामा की रीमेक हैं। इस फिल्म में जॉन फावेरु ने बेहतरी काम किया था। इस फिल्म की काफी चर्चा खूब हुई थी। फिल्म ने शुरू में कम स्क्रीन्स पर जगह बनाई थी लेकिन बाद में इस फिल्म को अमेरिका में ही 1298 थिएटर्स में लगाया गया था।
कहानीः इस फिल्म की कहानी को देसी अंदाज में पेश किया गया है। ये कहानी दिल्ली के चांदनी चौक के रहने वाले रोशन कालरा (सैफ अली खान) की है, जिसे बचपन से ही खाना बनाने का शौक था और ये बात उसके पिताजी को बिल्कुल पसंद नहीं थी। यही कारण है कि रोशन अपने घर से भागकर न्यूयॉर्क चला जाता है और वहां के गली किचन नाम के रेस्टॉरेंट में शेफ का काम करने लगता है। वो एक घमंडी शेफ बन जाता है।
रोशन की शादी राधा मेनन (पद्मप्रिया जानकीरमन) से हुई है और दोनों का एक बेटा अरमान (स्वर कांबले) भी है, लेकिन अब राधा और रोशन के बीच तलाक हो गया है। अरमान अपनी मां के साथ केरल में रहता है वहीं न्यूयार्क में रोशन को रेस्टॉरेन्ट से इसलिए बाहर निकाल दिया गया था क्योंकि उन्होंने एक कस्टमर को पंच मारा था। रोशन कालरा न्यूयॉर्क में वापस भारत आ जाता है। वो केरल जाकर अपने बेटे के साथ कुछ वक्त बिताता है। उसी दौरान चलते-फिरते ट्रक के ऊपर वो दोबारा से अपने शेफ के काम को शुरू करता है। कहानी में ट्विस्ट और टर्न्स तब आते हैं जब बीजू (मिलिंद सोमन) की एंट्री होती है। इसके बाद कहानी में एक नया मोड़ आता है।
सैफ ने एक्टिंग में नहीं किया निराश
अगर अभिनय की बात करें तो कहा जा सकता है कि सैफ ने अपने फैंस को निराश नहीं किया है। शेफ के रोल में सैफ अली खान खूब जंचे हैं। इस किरदार को लेकर सैफ की मेहनत परदे पर साफ दिखाई देती है। एक नए लुक और नए अंदाज के साथ गंभीर पिता के रूप में सैफ ने शानदार अभिनय किया है। साउथ की नामी एक्ट्रेस पद्मप्रिया ने भी अपने रोल के साथ न्याय किया है जबकि बेटे के रोल में स्वर कांबले का काम भी लाजवाब है। फिल्म का संगीत औसत है। सिंगर रघु दीक्षित का गाया हुआ "शुगल लगा ले" फिल्म का एक मात्र बढ़िया गीत है।
फिल्म की कहानी बहुत ही साधारण है, जिसे अंत तक बहुत ही आसानी से समझा जा सकता है। बावजूद इसके कहानी में नयापन है, पिता और पुत्र के ताने बाने पर तैयार इस फिल्म में कई सारे मैसेज है जो लोगों के दिल को आसानी से छू लेंगे। फिल्म का लोकेशन भी बेहद शानदार है। न्यूयॉर्क से लेकर केरल और फिर नार्थ इंडिया तक कई खूबसूरत इलाकों को इस फिल्म में दर्शाया गया है।
फिल्म में टिपिकल मसाला नहीं परोसा गया है, जो शायद मसाला वाली फिल्मों के प्रेमियों को अच्छा न लगे। फिल्म का क्लाइमेक्स भी प्रेडिक्ट किया जा सकता है। जिसे बदला जाता तो कहानी और सटीक हो जाती। फिल्म का बजट 30-40 करोड़ बताया जा रहा है।
Created On :   6 Oct 2017 1:44 PM IST