के.आसिफ के जीवन से जुड़े राज खुलेंगे इटावा में

Secrets related to the life of K.Asif will be revealed in Etawah
के.आसिफ के जीवन से जुड़े राज खुलेंगे इटावा में
उत्तर प्रदेश के.आसिफ के जीवन से जुड़े राज खुलेंगे इटावा में
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डिजिटल डेस्क, लखनऊ।  हिंदी सिनेमा को मुग़ले-आज़म जैसी आइकानिक फिल्म का तोहफा देने वाले प्रसिद्ध निर्देशक के.आसिफ का जन्म शताब्दी समारोह 25 सितंबर को उत्तर प्रदेश में इटावा में आयोजित किया जायेगा। के. आसिफ चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के संस्थापक शाह आलम ने बताया कि 25 सितंबर को दोपहर ढाई बजे के. आसिफ़ जन्म-शताब्दी समारोह का आयोजन इस्लामिया इंटर कालेज के सभागार में किया जायेगा । इस बार जन्म शताब्दी समारोह की थीम ‘सिनेमा-संसार: कला या बाज़ार’ रखा गया है।

समारोह को राज्यसभा टीवी के पूर्व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और फिल्मकार राजेश बादल, प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक अजीत राय, द डेली गार्जियन के फ़ल्मि समीक्षक मुर्तजा अली खान, चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के ज्यूरी चेयरमैन प्रो. मोहन दास संबोधित करेंगे। के. आसिफ चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के संस्थापक शाह आलम ने बताया की पांचवें संस्करण के फेस्टिवल में ज्यूरी सदस्यों में प्रोफेसर मोहन दास के अलावा फिल्म समीक्षक साजन वर्मा, फिल्म अभिनेत्री मान्या पाठक, फिल्म निर्माता अलका कौशिक, स्क्रीनप्ले राइटर चंद्रजीत लाहिड़ी शामिल थे।

इस वर्ष ज्यूरी सदस्यों ने इन फिल्मों का आफिसियल स्लेक्शन किया है। के. आसिफ का जन्म 14 जून, 1922 को इटावा शहर के मोहल्ला कटरा पुर्दल खां में हुआ था। मुफलिसी से घिरे हुए के. आसिफ ने इस्लामिया इंटर कालेज में सिर्फ आठवीं तक ही पढ़ाई कर पाए। इसके बाद वे मायानगरी मुंबई चले गए और वहां दर्जी का काम करने लगे लेकिन, सिनेमा के प्रति उनकी दिवानगी ने उन्हें अव्वल दर्जे का निर्देशक बना दिया। ‘मुगले आज़म’ फिल्म को बनाने के लिए के. आसिफ ने प्रसिद्ध सिने स्टूडियो ‘अमौस सिने लैबोरेटरी’ के मालिक शिराज अली हकीम के साथ मिलकर काम करना शुरू किया, इससे पहले हाकिम ने के. आसिफ के डायरेक्शन में बनने वाली पहली फिल्म फूल 1945 में भी उनके साथ काम किया था। फिल्म फूल को हिंदी सिनेमा की सबसे पुरानी मल्टीस्टारर फिल्मों में से एक माना जाता है।

के. आसिफ मशहूर फिल्म निर्माता ही नहीं बेहतरीन लेखक भी थे। उन्होंने भारतीय सिनेमा की सबसे भव्य और ऐतिहासिक माइलस्टोन फिल्म मुग़ले आजम बनाकर अमरता हासिल कर ली । वर्ष1949 में के. आसिफ ने शहीद-ए-आजम ‘भगत सिंह’ पर ख्वाजा अहमद अब्बास के साथ फिल्म निर्माण का काम शुरू किया था और 1951 में उनकी निर्मित ‘हलचल’ फिल्म रिलीज होते ही सिने प्रेमियों के जेहन पर छा गई। ‘चंबल फाउंडेशन’ ने देश की धरोहर महान फिल्मकार के. आसिफ के नाम पर चंबल इंटनेशनल फिल्म फेस्टिवलश् की शुरूआत की। जिसका पांच वर्ष से लगातार आयोजन होता रहा है। के. आसिफ की विरासत को याद करने के लिए के. आसिफ़ जन्म-शताब्दी समारोह समिति बनाई गई है जो उनकी जन्मभूमि से लेकर कर्मभूमि तक विविध आयोजन करेगी। कोविड की वजह से उनके जन्मदिवस (14 जून) पर होने वाले आयोजन को टाल दिया गया था।

वार्ता
 

Created On :   24 Sept 2021 8:01 PM IST

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