Sexism in Cinema: कास्टिंग काउच को लेकर एक्ट्रेस श्रुति हरिहरन ने बयां किया दर्द
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कन्नड़ फिल्मों की जानी मानी एक्ट्रेस श्रुति हरिहरन ने कास्टिंग काऊच को लेकर चौकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कास्टिंग काउच से जुड़े अपने अनुभव शेयर किए हैं। श्रुति ने अपनी पहली फिल्म का वो डरा देने वाला अनुभव शेयर किए, जिसके बाद उन्हें फिल्म ही छोड़नी पड़ी। श्रुति हरिहरन ने बताया कि वे अपनी पहली फिल्म के दौरान सिर्फ 18 साल की थी। जब वे कोरियोग्राफर के पास गई और कहा कि वे वह सब नहीं कर सकतीं, जो उनसे कहा जा रहा है। इसके बाद कोरियोग्राफर ने कहा कि यदि ये सब हैंडल नहीं कर सकतीं तो तत्काल दफा हो जाओ।
टेलीफोन पर कहा 5 प्रोड्यूसर करेंगे मेरा इस्तेमाल
यह सुनकर श्रुति की आंखों में आंसू आ गए, वे डर गई और आखिरकार उन्होंने फिल्म छोड़ दी। श्रुति ने काउस्टिंग काउच का एक कड़वा अनुभव शेयर करते हुए हुए कहा, एक तमिल फिल्मकार मेरी ही कन्नड़ फिल्म का रीमेक बनाना चाहते थे, उन्होंने मुझे ही इसके लिए साइन किया, इसके बाद टेलीफोन पर उन्होंने मेरे सामने अजीब शर्त रखी। प्रोड्यूसर ने फिल्म देने के लिए कहा कि फिल्म में पांच प्रोड्यूसर हैं और वह किसी भी तरह से मेरा इस्तेमाल कर सकते हैं।
कम्प्रोमाइज कर नहीं बनेगा करियर
श्रुति ने कहा, ज्यादातर लड़कियों को कास्टिंग काउच का सामना "ना" कहकर करने की जरूरत ह। इसके लिए सिर्फ मेल को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है। कास्टिंग काउच से पहला मौका जरूर मिलता है, लेकिन इसके सहारे करियर नहीं बनाया जा सकता है। महिलाओं का इस विषय पर चुप रहना अब कोई विकल्प नहीं है। पब्लिक स्पेस महिलाओं के लिए उपलब्ध नहीं है, क्योंकि समाज पूरी तरह से पुरुष प्रधान है, लेकिन फिल्मों में महिलाओं की मौजूदगी से उम्मीद की जा सकती है कि महिलाएं पब्लिक स्पेस में अपने लिए जगह बना रही हैं।
‘सेक्सिज्म इन सिनेमा: टाइम टू एंड पेट्रीआर्की’ के मुद्दे पर हुई बहस
श्रुति हरीहरन ने कहा कि फिल्मों में लड़कियों के किरदार को हमेशा समाज में उसके लिए प्रचलित भावनाओं के आधार पर ही दिखाया जाता है। अधिकतर फिल्मों में लड़कियों को बतौर कमोडिटी शूट किया जाता है, जिससे वह देखने में सुन्दर, सेक्सी लगें और फिल्म चलने की संभावना बढ़ जाए। एक्ट्रेस श्रुति हरिहरन ने कबूला कि वह कास्टिंग काउच की शिकार हुई थीं। श्रुति ने इन बातों का खुलासा इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2018 में किया। इस कॉन्क्लेव में ‘सेक्सिज्म इन सिनेमा: टाइम टू एंड पेट्रीआर्की’ के मुद्दे पर बहस हो रही थी।
Created On :   19 Jan 2018 11:49 AM IST