उत्पल दत्त को गुजरे हुए 24 साल, जानते हैं जेल से बॉलीवुड तक का उनका सफर
डिजिटल डेस्क,भोपाल। बेहतरीन कॉमेडी टाइमिंग और दमदार एक्टिंग से दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ने वाले उत्पल दत्त को आज गुजरे हुए 24 साल हो गए हैं। बावजूद इसके आज भी लोग उन्हें याद करते हैं और जब-जब भी कॉमेडी टाइमिंग्स की बात की जाती है तो उन्हें जरूर याद किया जाता है।
साल 1979 की सुपरहिट फिल्म गोलमाल के "भवानी शंकर" जिनकी कॉमेडी आज भी लोगों को हंसा देती है और तो और "शौकीन" में एक एक पैसे का हिसाब रखने वाले कंजूस के किरदार को लोग भूल नहीं पाएं हैं। 1993 में दत्त साहब हमेशा के लिए खामोश हो गए। लेकिन उनकी अदाकारी आज भी लोगों के जेहन में उन्हें जिंदा रखे हुए है।
उत्पल दत्त का जन्म में 29 मार्च 1929 को हुआ और उन्होंने कलकत्ता से अपनी पढ़ाई की। अंग्रेजी लिटरेचर में ग्रेजुएशन के बाद उत्पल साहब 1940 में ही थिएटर से जुड़ गए थे। उन्हें शेक्सपियर की किताबें पढ़ना पसंद था और शेक्सपियर के ही नाटक ओथेलो ने उन्हें एक्टिंग क्षेत्र में पहचान मिली थी।
उनके नाटकों से डरती थी सरकार
उन्होंने नाटकों का निर्देशन और लेखन किया। जिनमें से कई काफी विवादित भी रहे। उन्होंने उस त्तकालीन सरकार को अपने नाटकों से हिला कर रख दिया था। उनके नाटकों से राजनीतिक पार्टियां इतना डरती थीं कि उन पर पहले ही रोक लगाने की तैयारी तक कर ली जाती थी। हालांकि इस रोक के बाद भी जब वह नाटक करते थे, तो हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ जुट जाती थी। इसका एक कारण था उनका कट्टर वामपंथी थे और वामपंथियों के लिए नाटक किया करते थे। उत्पल साहब के एक नाटक की वजह से साल 1965 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जेल भी भेज दिया था।
बॉलीवुड में मिली एंट्री
चर्चाओं और एक्टिंग की वजह से उन्हें सिनेमा में काम करने का मौका मिला। हिंदी फिल्मों में आए तो गुड्डी, गोल-माल, नरम-गरम, रंग बिरंगी, उलटा-सीधा, बात बन जए जैसी फिल्मों के जरिए आम लोगों के दिलो-दिमाग पर छा गए। गोलमाल के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट कॉमेडियन अवार्ड से नवाजा गया। बंगाली सिनेमा में फ़िल्म "भुवन शोमे" के लिए उन्हें "बेस्ट एक्टर" के तौर पर "नेशनल फ़िल्म अवार्ड" भी मिला। 40 साल के करियर में उत्पल दत्त ने सौ से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। 1960 में उन्होंने फिल्म अभिनेत्री शोभा सेन से शादी की थी।
Created On :   19 Aug 2017 3:22 PM IST