आखिर 'रेप' क्यों करते हैं पुरुष ? वजह जानकर पैरों तले की जमीन खिसक जाएगी
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। रेप करने के बाद जब पुरुषों से पूछा जाता है कि उन्होंने ये क्यों किया, तो उनका जवाब होता है कि ऐसा करने के लिए उन्हें लड़की ने उकसाया था। एक सवाल सभी के मन में आता है कि आखिर समाज का ऐसा कौन-सा पहलू है, जो पुरूष को रेप करने के लिए प्रेरित करता है? उसे ऐसा घृणित काम करने की अवस्था तक पहुंचाने के पीछे कौन सी मानसिकता है? हमेशा लड़कियों को ही दोष क्यों दिया जाता है? उनके चरित्र पर ही सवाल क्यों उठाया जाता है?
आपको ये जानकर आश्चर्य नहीं होगा, क्योंकि ये आम बात है कि जब भी न्याय करने की बात आती है, तब लड़कियों पर ये इल्जाम लगता है कि रेप को लड़कियां एन्जॉय करती हैं। वह चाहती तो इसे इग्नोर कर सकती थीं। "द वायरल फीवर" के फाउन्डर अरुनाभ कुमार और कॉमेडियन बील कोस्बे पर जब सेक्सुअल एसॉल्ट का इल्ज़ाम लगाया गया, तब उन्होंने कहा कि महिलाएं "रेप" का इल्जाम हर सफल व्यक्ति को ब्लैकमेल करने के एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करती हैं।
इस मामले में अक्सर कुछ और बातें कही जाती हैं कि पुरुष स्वाभाविक प्रकृति से कामोत्तेजक होते हैं। अगर उनको सेक्स करने से रोका जाय तो वे जानवर जैसा आक्रामक हो जाते हैं। इसलिए खुद को सुरक्षित रखने और अपने सम्मान को बचाए रखने का दायित्व लड़कियों के जिम्मे होता है। जब लड़कियां उत्तेजक कपड़ें पहनती हैं, तो वह पुरुषों को रेप करने के लिए आमंत्रित करती हैं। ये सारे तर्क रेप कल्चर को सपोर्ट करने के लिए दिए जाते हैं, जिसके विरुद्ध लड़ने की ज़रूरत है। अगर ये सेक्सुअल अर्ज नहीं है, तो ऐसी क्या बात है, जिसके कारण पुरुष लड़कियों का रेप करते हैं?
ये हैं "रेप" के पीछे की असली वजह
- महिलाएं सिर्फ सेक्सुअल जरूरत
हम हमेशा से ये सुनते आ रहे हैं कि हमारे समाज में पुरुषों का ही एकाधिकार है, जबकि महिलाएं सिर्फ और सिर्फ घर संभालने और पुरुषों की सेक्सुअल जरूरतों को पूरा करने के लिए ही बनीं हैं। इस वजह से कुछ पुरुष महिलाओं पर अपना अधिकार दिखाने के लिए ऐसी हरकतें करते हैं।
- मेंटल डिसऑर्डर
कई साइक्राइटिस्ट का मानना है कि कई पुरुष मेंटल डिसऑर्डर से कुछ ज्यादा ही पीड़ित होते हैं, जिससे वो अपने साथ-साथ अपने आसपास के लोगों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। कई बार ऐसी स्थिति में पुरुषों को महिलाओओं को नुकसान पहुंचाने में काफी खुशी और आत्म संतुष्टि मिलती है। इसकी वजह से भी वो रेप जैसी भयावह घटनाओं को अंजाम देते हैं।
- न्यूरोलॉजिकल इंपेयरमेंट
आमतौर पर हमारे आसपास कई ऐसे लोग होते हैं, जो पढ़ने-लिखने में कमजोर या फिर दब्बू किस्म के लोग होते हैं। कई वैज्ञानिकों का मानना है कि ये सेक्स को लेकर काफी आक्रामक रहते हैं। ऐसे लोग हार्मोनल फंक्शन के कारण एग्रीसेवनेस और सेक्स के बीच का अंतर नहीं समझ पाते।
- खुद को ताकतर साबित करने के लिए
कई लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें समाज में बहुत कमजोर समझा जाता है या फिर उनसे कोई किसी तरह की उम्मीद नहीं रखता है। ऐसे लोगों का समाज में भी जमकर मजाक बनाया जाता है, जिससे निराश होकर ये लोग अपने घर-परिवार या आसपास के लोगों के सामने अपना अधिकार दिखाने या ताकतवर बनने की कोशिश करते हैं। इसके लिए वो रेप जैसी घटनाओं को अंजाम देने से भी बाज नहीं आते, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि ऐसा करके वो उस महिला पर अधिकार दिखाते हैं।
- सेक्सुअल एसॉल्ट
आज हम जिस समाज में जी रहे हैं वहां पर रेप को तो गलत माना गया है, लेकिन सेक्स और सेक्सुअल एसॉल्ट को लेकर हम बहुत नॉर्मल बिहेव करते हैं। सेक्स रिलेटेड जोक्स, वल्गर कंटेंट ये सब एक तरह से सेक्सुअल एसॉल्ट का ही हिस्सा है। सेक्सुअल एसॉल्ट को भी रेप के लिए कई डॉक्टरों और साइक्राइटिस्ट ने जिम्मेदार माना है।
Created On :   22 July 2017 4:27 PM IST