क्यों प्रसून जोशी ही बनाए गए सेंसर बोर्ड के नए चेयरमैन?
डिजिटल डेस्क,मंबई। सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी को बर्खास्त कर दिया गया है। उनकी जगह प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड का नया चेयरमैन बनाया गया है। सरकार ने ये फैसला पहलाज के लागातार विवादित फैसले देने के बाद किया है। काफी वक्त से पहलाज के पद से हटाए जाने की खबरें थीं। जिसके बाद सरकार ने अचानक पहलाज को हटाने घोषणा करते हुए जोशी को नया चेयरमैन बना दिया।
कौन है प्रसून जोशी ?
गीतकार प्रसून जोशी का जन्म अल्मोड़ा (उत्तराखंड) में हुआ था। जोशी ने फिल्म तारे ज़मीन पर,चटगांव, भाग मिल्खा भाग जैसी फिल्मों के गाने लिखे हैं। कला, साहित्य और विज्ञापन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2015 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
प्रसून जोशी एक फेमस एड मेकर हैं। प्रसून जोशी एड कंपनी OM में काम कर चुके हैं। "ठंडा मतलब कोका कोला" इस पंचलाइन के साथ "कोक" को सॉफ्ट ड्रिंक के बाजार में मजबूती के साथ दोबारा खड़ा करने वाले प्रसून ही थे। इसके बाद वो एड कंपनी "मैकऐन इरिक्सन" में कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे।
2001 में राजकुमार संतोषी की फिल्म "लज्जा" से प्रसून को बॉलीवुड में एंट्री मिली। 2007 में आई फिल्म "तारे जमीन पर" के लिए प्रसून को "राष्ट्रीय पुरस्कार" से भी नवाजा जा चुका है।
प्रसून ही क्यों बने चेयरमैन?
प्रसून जोशी की नियुक्ति के बाद से ही उनकी चर्चा हो रही है और बॉलीवुड ने उनके चेयरमैन बनने पर खुशी जाहिर की है। लेकिन सबके मन सवाल ये भी है कि उन्हीं को क्यों चैयरमैन बनाया गया। दरअसल चर्चाओं का बाजार इसलिए भी गर्म है क्योंकि प्रसून के चेयरमैन बनने के पीछे उनके NDA सरकार से नजदीकियों को वजह बताया जा रहा है। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के प्रचार अभियान में प्रसून ने अहम भूमिका निभाई थी। प्रसून ने बीजेपी के लिए "मैं देश नहीं झुकने दूंगा" प्रचार गीत बनाया था हालांकि इस गाने को बाद में पार्टी ने वापस ले लिया था। साल 2014 की जीत के बाद भी प्रसून बीजेपी के लिए विभिन्न विधानसभा चुनावों में सहयोग करते रहे हैं। प्रसून को बीजेपी में वित्त मंत्री अरुण जेटली का करीबी माना जाता है और सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी के साथ भी वो कई मौकों पर नजर आ चुके हैं।
अपनी जिम्मेदारियों को रचनात्मक तरीके से पूरा करूंगा-प्रसून
प्रसून जोशी ने अपनी नियुक्ति के बाद बताया कि वो अपनी जिम्मेदारियों को रचनात्मक तरीके से पूरा करने की कोशिश करेंगे और उनका इरादा अच्छी शुरुआत के साथ लगातार अच्छा काम करते रहने का है।
उन्होंने आगे कहा कि, "मेरा मानना है कि सही ढंग से जिम्मेदारियों को बेहतर योगदान देने के साथ बेहतर सेवा मिलती है। दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता 45 वर्षीय गीतकार (लिरेसिस्ट) केंद्रीय बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) की अध्यक्षता के रूप में तीन साल या अगले आदेश तक काम करेंगे।
बोर्ड के सदस्यों में और कौन?
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने मौजूदा बोर्ड का पुनर्गठन भी किया हैं। नए सदस्यों में विद्या बालन, विवेक अग्निहोत्री, गौतमी तडिमल्ला, नरेन्द्र कोहली, नरेश चन्द्र लाल, नील हरबर्ट नॉनकिन्रिह, वामन केंद्र, टी एस नागभराण, रमेश पतंगे, वनी त्रिपाटी टिक्कू, जीविता राजशेखर और मिहिर भुत शामिल हैं।
एक्ट्रेस विद्या बालन ने कहा "मैं अपनी पूरी जिम्मेदारियों बखूबी निभाने की कोशिश करूंगी। विद्या ने आगे कहा "मैं बोर्ड की नई पारी की शुरूवात का बेसबरी से इंतेजार कर रही हूं, जहां हमारे सिनेमा को आज के समाज की संवेदनशीलता, वास्तविकताओं और जटिलताओं को प्रतिबिंबित करने की इजाजत होगी।"
निदेशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि "प्रसून जोशी और विद्या बालन जैसे लोगों के साथ, हम सभी बहुत प्रगतिशील हैं। हम बाहरी नहीं हैं और नए नजरिए से फिल्मों को देखेंगे।"
Created On :   12 Aug 2017 10:54 AM IST