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फैक्ट चेक: दिल्ली पुलिस ने बम के साथ किसी को नहीं पकड़ा, अफगानिस्तान की घटना के जरिए फैलाया जा रहा झूठ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तूल पकड़ता जा रहा है। पोस्ट में एक व्यक्ति नजर आ रहा है जिसकी पूरी बॉडीपर बम बंधे हुए हैं। यूजर्स इस तस्वीर को अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर शेयर कर दावा कर रहे हैं कि एनआईए ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद से दोनों राज्यों के कई इलाकों से 16 लोगों को पकड़ा है। आपको बता दें कि, लोग जिस तस्वीर को हालिया समझ कर शेयर कर रहे हैं वह असल में अफगानिस्तान की फोटो है जिसे साल 2010 में क्लिक किया गया था।
सोशल मीडिया पर क्या हो रहा है वायरल?
'Rani Arora' नामक फेसबुक यूजर ने 14 मई को वायरल पोस्ट अपने अकाउंट पर शेयर कर लिखा, 16 लोगों को गिरफ्तार किया। डोभाल ऐसे ही नहीं घूम रहे थे गलियों व मौहल्लों में,जब हम और आप सो रहे थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने दिल्ली और यूपी पुलिस की मदद से बीती रात दिल्ली के सीलमपुर और यूपी के अमरोहा में छापेमारी की और 16 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें एक इंजीनियरिंग का छात्र,अमरोहा मस्जिद का मौलवी एक युनिवर्सिटी का छात्र,कई वेल्डर और आटो चालक शामिल हैं। छापेमारी में सीलमपुर दिल्ली में एक राकेट लांचर,अन्य जगहों पर 25 किलो विस्फोटक सामग्री,150 फोन, 300 सिम कार्ड,200 अलार्म घड़ियां और लोहे के पतले पाइप, टनों कीलें मिलीं। इसके अलावा 8 लाख कैश भी मिला.. बड़े बड़े वेल्डिंग मशीन से पाइप बम बन रहे थे,सुसाइड वेस्ट और टाइमर वाले बम मिले है,और आटो वाले सामान पहुंचाने में लगे थे। गिरोह के सरगना मुफ्ती ने बताया कि इनका हैंडलर दुबई में है। अगर आप इसे सिर्फ दंगा मान रहे हैं तो आप बड़े भोले हैं, ये युद्ध है।
क्या है वायरल पोस्ट के पीछे की सच्चाई?
वायरल पोस्ट की सच्चाई पता लगाने के लिए हमने वायरल तस्वीर को गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। ऐसा करने पर हमें साल 2010 में पब्लिश हुई एक खबर मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक, तस्वीर में नजर आ रहा शख्स अफगानिस्तान से पकड़ा गया था। असल में यह व्यक्ति एक फिदायीन है। इससे यह साफ होता है कि वायरल दावा पूरी तरफ फर्जी है।
Created On :   6 Sept 2025 6:44 PM IST