दिल्ली : कैदी के वार्ड से निकलने पर पाबंदी, कोरोना चेन खोजने को एसटीएफ बनी (आईएएनएस विशेष)

संजीव कुमार सिंह चौहान
नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। कोविड-19 की छाया से दिल्ली की जेलों को बचाकर रखने के तमाम पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। इसी के तहत दिल्ली जेल प्रशासन ने एक ऐसी स्पेशल टास्क फोर्स यानि एसटीएफ का गठन भी किया है जो, कोरोना पॉजिटिव मिलने की स्थिति में सिर्फ उसकी चेन कम से कम वक्त में तलाश करके उसे क्वारंटाइन करायेगी। इतना ही नहीं जेल से अंतरिम जमानत पर छोड़े जा रहे कैदियों को घर तक सुरक्षित पहुंचाने का जिम्मा भी दिल्ली जेल महानिदेशालय ने अपने ऊपर लिया है। ताकि लॉकडाउन में सड़क पर वाहन न मिलने से कैदी को अपने ठिकाने तक सुरक्षित पहुंचने में कोई दिक्कत न आये।
आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत के दौरान यह तमाम तथ्य तिहाड़ जेल के अतिरिक्त महानिरीक्षक (एआईजी जेल) राज कुमार ने उजागर किये। उन्होंने कहा, कांटेक्ट-ट्रेसिंग के लिए एसटीएफ का गठन जेलों में बेहद जरुरी था। ताकि अगर कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाये, तो यह एसटीएफ जल्दी से जल्दी उसकी चेन को क्वारंटाइन करा सके।
एआईजी जेल ने कहा, इसी तरह कोरोना के मद्देनजर दिल्ली सरकार द्वारा स्पेशल रेमिसन के आधार पर भी 39 कैदियों को जेल से बाहर निकाला गया है। 1056 सजायाफ्ता कैदियों को भी दिल्ली सरकार से मिले आदेश के बाद इमरजेंसी-पैरोल पर रिहा किया गया है, ताकि जेलों में भीड़ को कम किया जा सके। भीड़ कम करने के लिए अब तक 2177 विचाराधीन कैदियों को भी अंतरिम जमानत पर जेलों से रिहा किया जा चुका है। इन्हें पहले 45 दिन की जमानत पर रिहा किया गया। इनकी अब यानि 9 मई 2020 से 45 दिन की अंतरिम जमानत की अवधि को और आगे बढ़ा दिया गया है। जेल से रिहा किये गये कैदियों में 301 वे कैदी भी शामिल हैं, जिनकी नियमित जमानत कोरोना महामारी आने से पहले ही स्वीकृत हो चुकी थी। लेकिन संबंधित आदेश जेल तक नहीं पहुंच सका। जैसे ही आदेश मिला इन 301 कैदियों को भी जेल से बाहर नियमित जमानत पर छोड़ दिया गया। इन सभी को घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी जेल प्रशासन निभा रहा है। छोड़े गये सभी कैदियों को दिल्ली पुलिस की तीसरी वाहनी के जवानों की सुरक्षा में उनके वाहन से छुड़वाया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गयी है।
एक सवाल के जबाब में अतिरिक्त महानिरीक्षक (जेल) राज कुमार ने कहा, जेल में कैदियों की मदद के लिए पहुंचने वाले एनजीओ और काउंसलर्स के आवागमन पर पाबंदी लगा दी गयी है। ताकि कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा ही उत्पन्न न हो। हां, मेंटल हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया से प्रशिक्षित काउंसलर्स जेल में आने वाले नये कैदियों से समय-समय पर क्वारंटाइन की महत्तता पर नये खुलकर बात कर रहे है। सभी जेलों में क्वारंटाइन सुविधा मुहैया कराई गयी है। सोशल डिस्टेंसिंग का सबसे ज्याद ख्याल रखा जा रहा है।
एआईजी दिल्ली जेल के मुताबिक, चूंकि जेल में परिजनों की मिलाई पूर्णत: पाबंद कर दी गयी है। ऐसे में कैदियों को घरवालों या फिर वकीलों से बात करने के लिए टेलीफोन सुविधा निशुल्क मुहैया कराई गयी है। जेल में बंद हर कैदी, स्टाफ और सुरक्षाकर्मी को मौजूदा हालातों में क्या करना है और क्या नहीं करना है? इन सभी दिशा निर्देशों से समय समय पर वाकिफ कराया जा रहा है। ताकि कहीं किसी तरह की भूल की गुंजाईश ही न रहे।
दिल्ली जेल के एआईजी जेल राजु कुमार के अनुसार, कोई भी जेल स्टाफ या फिर यहां तैनात सुरक्षाकर्मी अगर अवकाश से वापिस जेल ड्यटूी पर लौटता है, तो उसे भी पहले क्वारंटाइन करने का इंतजाम किया गया है। इस बारे में हर जेल में निर्देश जगह जगह पर चस्पा कर दिये गये हैं। कोविड-19 संदिग्ध को अस्पताल पहुंचाने में भी एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) अपनाया जा रहा है। ताकि कहीं चूक की जरा भी गुंजाईश न रहे।
कैदी, स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों को कोविड से बचाये रखने के लिए जेल में बंद कैदी खुद ही सेनेटाइजर और मास्क का उत्पादन कर रहे हैं। बताते हुए एआईजी जेल ने आगे कहा, कैदियों के वार्ड से बाहर निकलने पर भी जरुरत के हिसाब से पाबंदी लगा दी गयी है। जेल से बाहर मौजूद अस्पताल में भी कैदी को बेहद सतर्कता से और ज्यादा जरुरत महसूस होने पर ही भेजा जा रहा है। जो नये कैदी जेल आ रहे हैं उनकी काउंसलिंग के खास इंतजाम किये गये हैं, ताकि वे बेवजह के तनाव से मुक्त रह सकें। जेल से अदालतों में पेशी पर कैदियों को लाना ले जाना एकदम बंद है।
उन्होंने आगे कहा, हर जेल में आईसोलेशन वार्ड का इंतजाम है। साथ ही इन आइसोलेशन वार्ड की देखभाल के लिए भी प्रशिक्षित स्टाफ नियुक्त किया गया है। जेल अस्पताल में नियुक्त चिकित्सकों को भी विशेष तौर पर अलर्ट रहने के दिशा निर्देश जारी किये गये हैं।
Created On :   11 May 2020 8:00 PM IST