हाथों की छूटी नहीं मेंहदी और जुट गई कोरोना की जंग में

Henna and untouched hands got engaged in Coronas battle
हाथों की छूटी नहीं मेंहदी और जुट गई कोरोना की जंग में
हाथों की छूटी नहीं मेंहदी और जुट गई कोरोना की जंग में

कटनी, 21 मई (आईएएनएस)। कोरोना महामारी के खात्मे के लिए हर कोई अपने स्तर पर जिम्मेदारी निभा रहा है। मध्य प्रदेश के कटनी जिले में तो एक एएनएम (नर्स) प्रतीक्षा त्रिपाठी हाथों की मेहंदी छूटने से पहले ही कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में जुट गई।

कटनी जिले के ढीमरखेड़ा विकासखंड मुख्यालय की रहने वाली है एएनएम प्रतीक्षा और उसकी ड्यूटी इन दिनों उमरियापान के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में है। प्रतीक्षा की कोरोना संक्रमण काल के बीच सामाजिक रीति-रिवाज से सात मई को शादी हुई। वह शादी के महज चार दिन बाद 11 मई को ही ड्यूटी पर लौट आई। उसके हाथों पर अभी मेहंदी का रंग सुर्ख है,आम तौर पर शादी के बाद एक पखवाड़े तक दंपति धार्मिक अनुष्ठान और अन्य कायरें में व्यस्त रहते है, मगर प्रतीक्षा ने इस लड़ाई के सैनानी के तौर पर अपनी जिम्मेदारी के निर्वाहन को ज्यादा अहमियत दी है।

प्रतीक्षा त्रिपाठी ने बताया कि शादी के चार दिन बाद पांचवे दिन ही अपनी ड्यूटी पर लौट आई, ससुराल पक्ष से कोई भी मेडिकल क्षेत्र से नहीं हैं, उसके बावजूद सभी ने उन्हें उमरियापान अस्पताल में ड्यूटी करने के लिए प्रेरित किया। परिणामस्वरुप उसने अपनी ड्यूटी पर आना तय किया।

वह कहती है कि कोरोना महामारी में भविष्य की स्थिति अभी तय नहीं, फिर भी नियमित रूप से कोरोना संकट में लोगों की मदद करना उसका धर्म है। उसकी जो जिम्मेदारी है उसका वह निर्वाहन कर रही है।

प्रतीक्षा उमरियापान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले लोगों के घर घर जाकर कोरोना का फॉलोअप कर क्वारेंटीन और होम क्वारेंटीन लोंगो को जानकारी भी जुटा रही हैं। प्रतीक्षा के हाथों की मेहंदी देखकर लोग उससे सवाल भी करते हैं कि मगर उसका एक ही जवाब होता है कि इस समय उनकी ड्यूटी ज्यादा जरुरी है, इसलिए वह शादी के कुछ दिन बाद ही अपनी ड्यूटी पर लौट आई है।

Created On :   21 May 2020 9:00 AM GMT

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