कोरोना योद्धाओं के लिए व्यवस्था कैसी है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

How is the system for Corona warriors? Supreme court asks for answer from central government
कोरोना योद्धाओं के लिए व्यवस्था कैसी है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
कोरोना योद्धाओं के लिए व्यवस्था कैसी है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली, 15 मई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र से कहा कि कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रहे डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के अस्पतालों के निकट ही क्वारंटाइन में रहने के लिए उठाये गए कदमों के बारे में उसे अवगत कराया जाए।

न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूति बी. आर. गवई की पीठ ने इस मामले की वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को उसे सूचित किए जाने के निर्देश दिए। पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह इस बारे में जानकारी प्राप्त करके अगले सप्ताह उसे अवगत कराएं। इस पर मेहता ने कहा कि यह एक उचित सुझाव है और इस पर विचार किया जाएगा।

इस मामले में याचिकाकर्ता डॉ. आरुषि जैन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि सरकारी अस्पतालों के रेजिडेन्ट डाक्टरों को सात से 14 दिनों की ड्यूटी करने के बाद एकांतवास में किया जाना चाहिए। लेकिन, इन चिकित्सकों को उन स्थानों पर पृथक किया जा रहा है, जहां उन्हें कमरे, बाथरूम साझा करने पड़ रहे हैं जबकि व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिसमें सामाजिक दूरी बनी रहे।

रोहतगी ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था एकांतवास के मकसद को ही विफल कर देगी और कोरोना योद्धा बीमार पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ यह चाहते हैं कि कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में मौजूद इन स्वास्थ्यकर्मियों को अस्पतालों के नजदीक आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

वहीं मेहता ने कहा, कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है।

न्यायमूर्ति राव ने मेहता से कहा कि अस्पतालों के नजदीक ही डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के एकांतवास की सुविधाओं के बारे में आवश्यक निर्देश प्राप्त कर लेने चाहिए।

Created On :   15 May 2020 5:00 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story