औषधीय गुणों से लबालब है काशी शुभांगी कद्दू

- औषधीय गुणों से लबालब है काशी शुभांगी कद्दू
वाराणसी, 15 जनवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का काशी शुभांगी या छप्पन भोग कद्दू बड़े-बड़े गुणों से लबालब हैं। यह आमदानी बढ़ाने वाला तो है ही, स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है। इसमें न सिर्फ किसानों को ताकत देने की क्षमता है, बल्कि स्वास्थ को भी दुरुस्त रखने की भी क्षमता है।
यह संभव किया है वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने। संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक सुधाकर पांडेय ने आईएएनएस को बताया कि छप्पन कद्दू कद्दूवर्गीय की महत्वपूर्ण सब्जी फसल ही नहीं, बल्कि औषधीय गुणों से लबरेज है। छोटे पौधे वाला यह कद्दू बड़े-बड़े गुणों से भरा हुआ है। किसानों को आर्थिक मजबूती देने वाला यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है। इसमें हाईडीजीज रिस्क, ब्लड प्रेशर मोटापा कम करने की क्षमता है।
50 से 55 दिन में प्रथम तुड़ाई और लगातार 70 दिन तक फल देने वाली इस फसल में लगभग सभी प्रकार के विटामिन एवं खनिज तत्व हैं। इनमें मुख्य रूप से विटामिन ए (211 मिग्रा), विटामिन सी (20़.9 मिग्रा) तथा पोटैग्रायम (319 मिग्रा) एवं फॉस्फोरस (52 मिग्रा) मिलता है। यह प्रति 100 ग्राम फल में पाया जाता है। इतना ही नहीं, इस सब्जी में पोषक तत्वों की प्रचुरता है। आईआईवीआर में विकसित इस प्रजाति को खेत के अलावा गमले में भी लगाया जा सकता है।
भूमि की अच्छी तरह जुताई करें। 4-5 बार गहरी जुताई करके पाटा चलाएं। तैयार खेत में निश्चित दूरी पर बेड़ बनाएं। 3़5-4़5 किग्रा प्रति हेक्टेयर बीज को बुवाई से पहले फफूंदी नाशक दवा (2़5 ग्राम कैप्टान या 3.0 ग्राम थिरम) से उपचारित करें। पूर्वी उत्तर प्रदेश में फसल की बुआई सितंबर माह के द्वितीय पखवाड़े से लेकर नवंबर के प्रथम पखवाड़े तक करें। लोटनेल की सुविधा होने पर दिसंबर महीने में भी बुआई की जा सकती है।
खेत में उपयुक्त नमी न हो तो बुवाई के समय नाली में हल्का पानी लगाएं। बीज का जमाव अच्छा होगा। 10-15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहें। अच्छी पैदावार के लिए टपक सिचाई प्रणाली का उपयोग करें।
उन्होंने बताया कि फल कोमल एवं मुलायम अवस्था में तोड़े। 2-3 दिनों के अन्तराल पर फलों की तुड़ाई करें। छप्पन कद्दू की औसत उपज 325-350 कुंतल पति हेक्टेयर है। वैज्ञानिक खेती से लागत लाभ का अनुपात 1:3 का होता है।
एक फल 800-900 ग्राम का होगा। लंबाई 68-75 सेमी तथा गोलाई 21-24 सेमी होगी। प्रति पौधा औसतन 8-10 फल मिलेंगे। 325-350 कुंतल प्रति हेक्टेयर उपज प्राप्त होगा। एक हेक्टेयर में 7000-7500 पौधे लगाए जाते हैं।
Created On :   15 Jan 2020 10:30 AM IST