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गूगल क्रोम में गोपनीयता व सुरक्षा को और भी मजबूत किया गया

हाईलाइट
- गूगल क्रोम में गोपनीयता व सुरक्षा को और भी मजबूत किया गया
सैन फ्रांसिस्को, 20 मई (आईएएनएस)। गूगल ने नए टूल और क्रोम ब्राउजर की गोपनीयता एवं सुरक्षा सेटिंग्स को डेस्कटॉप पर रोल आउट करना शुरू कर दिया है, ताकि यूजर्स को यह पता चल सके कि वे दूसरों के साथ क्या डेटा साझा कर रहे हैं। इसके साथ ही यूजर्स अब आसानी से वेब पर अपनी सुरक्षा को नियंत्रित कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए क्रोम में नई सुरक्षा जांच यूजर्स को बताएगी कि क्या उन्होंने जो पासवर्ड क्रोम को याद रखने के लिए कहा था, उससे समझौता किया गया है, और अगर ऐसा हुआ है, तो उन्हें कैसे ठीक किया जा सकता है।
यह आपको किसी खतरनाक साइट पर जाने या किसी हानिकारक एप्लिकेशन या एक्सटेंशन को डाउनलोड करने से भी बचाता है।
अगर आपका क्रोम का कोई नया वर्जन आया है तो इसके बारे में भी आपको एक और नए अतिरिक्त तरीके से पता चल जाएगा, ताकि आप नए वर्जन को डाउनलोड कर सकें।
अगर गलत या अनचाहे एक्सटेंशन इंस्टॉल किए गए हैं, तो यह आपको बताएगा कि उन्हें कैसे और कहां से निकाला जा सकता है।
इस साथ ही यह री-डिजाइन कुकीज को प्रबंधित करना भी आसान बनाता है। यूजर्स कुछ या सभी वेबसाइटों पर सभी कुकीज को ब्लॉक कर सकते हैं।
गूगल में वरिष्ठ उत्पाद प्रबंधक अब्देलकरीम मर्दिनी ने मंगलवार को एक ब्लॉग पोस्ट में इसकी जानकारी साझा करते हुए लिखा, क्रोम सेटिंग्स के शीर्ष पर आपको यू एंड गूगल (पहले पीपल दिखाई देता था) दिखाई देगा, जहां आप सिंक को नियंत्रित कर सकते हैं। इन नियंत्रणों से आपको यह पता चलता है कि आपके गूगल में संग्रहीत करने के लिए गूगल के साथ कौन सा डेटा साझा किया गया है और यह आपके सभी डिवाइस पर उपलब्ध कराया गया है।
क्योंकि कई लोग नियमित रूप से अपनी ब्राउजिंग हिस्ट्री को डिलीट करते हैं, इसलिए गूगल ने गोपनीयता और सुरक्षा अनुभाग (प्राइवेसी एंड सिक्योरिटी सेक्शन) के शीर्ष पर क्लीयर ब्राउजिंग डेटा की सुविधा प्रदान की है।
गूगल ने कहा कि नए अपडेट और फीचर्स, जिसमें पुन: डिजाइन की गई गोपनीयता और सुरक्षा सेटिंग्स शामिल हैं, आगामी सप्ताहों में डेस्कटॉप प्लेटफॉर्म पर क्रोम में आने वाली हैं।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।