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कर्मचारियों को सुरक्षित कॉर्पोरेट उपकरण नहीं दे रहीं छोटी कंपनियां : रिपोर्ट

हाईलाइट
- कर्मचारियों को सुरक्षित कॉर्पोरेट उपकरण नहीं दे रहीं छोटी कंपनियां : रिपोर्ट
नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। छोटी कंपनियों में काम करने वाले तीन कर्मचारियों में से केवल एक कर्मचारी व्यक्तिगत उपकरणों की सुरक्षा आवश्यकताओं के बारे में सचेत होता है। वहीं छोटे व्यवसाय में पांच कर्मचारियों में से तीन (57 प्रतिशत) को अपने नियोक्ताओं से सुरक्षित कॉपोर्रेट उपकरण मुहैया नहीं कराए गए हैं। एक हालिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
साइबर सिक्योसिटी फर्म कास्परस्काई द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनमें से ज्यादातर कोविड-19 के कारण लागू राष्ट्रव्यापी बंद के समय में घर पर संवेदनशील बिजनेस डेटा के साथ काम कर रहे हैं।
अध्ययन में कहा गया है, हालांकि छोटे व्यवसायों द्वारा कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कंपनी के उपकरणों को प्रदान करने का रुझान कम ही देखा गया है। महामारी के दौरान केवल एक-तिहाई कर्मचारियों (34 प्रतिशत) को निर्देश मिला है कि घर पर व्यक्तिगत लैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टफोन पर कैसे सुरक्षित रूप से काम किया जा सकता है।
हालांकि यह कुछ संगठनों के लिए अपने व्यवसाय को महज चालू रखने का ही एकमात्र विकल्प भी हो सकता है। छोटे व्यावसाय में काम करने वाले केवल एक तिहाई कर्मचारियों (34 प्रतिशत) ने संकेत दिया कि उन्हें व्यक्तिगत उपकरणों पर सुरक्षित रूप से काम करने के लिए किसी आईटी सुरक्षा को उपलब्ध कराया गया है।
कास्परस्काई में बिजनेस टू बिजनेस (बी टू बी) उत्पाद विपणन में वरिष्ठ उत्पाद विपणन प्रबंधक एंड्री डेंकेविच ने कहा, छोटी कंपनियां मुश्किल परिस्थितियों में हो सकती हैं और उनकी पहली प्राथमिकता लॉकडाउन के दौरान अपने व्यवसाय और कर्मचारियों को बचाना है। हालांकि बुनियादी आईटी सुरक्षा आवश्यकताओं को लागू करने से मालवेयर इंफेक्शन, जरूरी भुगतान में दिक्कतें या डेटा खोने जैसी संभावना कम हो सकती है।
व्यावसायिक लाभों के अलावा, संगठनों को इन उपकरणों को साइबर जोखिमों से बचाने के लिए भी सोचना चाहिए, ताकि संवेदनशील व्यवसाय और उन पर संग्रहीत डेटा सुरक्षित रहे।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।