हरियाणा की फैक्ट्रियों में काम करने के लिए गांव से लौटने को तैयार मजदूर (आईएएनएस स्पेशल)

Workers ready to return from village to work in Haryana factories (IANS Special)
हरियाणा की फैक्ट्रियों में काम करने के लिए गांव से लौटने को तैयार मजदूर (आईएएनएस स्पेशल)
हरियाणा की फैक्ट्रियों में काम करने के लिए गांव से लौटने को तैयार मजदूर (आईएएनएस स्पेशल)

गुरुग्राम, 10 मई (आईएएनएस)। देश भर में जहां लाखों प्रवासी मजदूर शहर से ग्रामीण क्षेत्रों में जा रहे हैं, वहीं हरियाणा में स्थिति काफी अलग है। यह उद्योगों के लिए सुखद खबर है कि प्रदेश में प्रवासी मजदूरों की ऐसी प्रवृत्ति देखी जा रही है, जो गांवों से शहरों (राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान) की ओर रुख करने को तैयार है। इसने राज्य में विनिर्माण इकाइयों की आशाओं को फिर से जगा दिया है।

रविवार शाम (10 मई) तक लगभग 1.67 लाख मजदूरों ने राज्य सरकार के पोर्टल पर पंजीकरण किया था, जो विभिन्न औद्योगिक स्थलों पर लौटने में रुचि दिखा रहे हैं। इनमें से ज्यादातर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं।

हरियाणा देश का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल और आईटी हब है, जिसे भारत में विनिर्माण उद्योग के केंद्र के रूप में भी देखा जाता है।

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य ने आईएएनएस को बताया, पिछले कुछ हफ्तों से मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी (खट्टर) सभी शीर्ष उद्योग के नेताओं और हितधारकों के साथ बातचीत कर रहे हैं। हमारी सरकार ने औद्योगिक संचालन फिर से शुरू करने के लिए सभी प्रकार की मदद का आश्वासन दिया है। हम मजदूरों को वापस लाने के लिए प्रयासरत हैं और अब तक हम अपने प्रयासों में काफी सफल रहे हैं।

आर्य के अनुसार, हरियाणा लौटने के इच्छुक 167,953 मजदूरों के विवरण को प्रोसेस किया गया है और अगले कुछ दिनों में यह आंकड़ा दो लाख से अधिक हो जाएगा।

चल रहे लॉकडाउन के दौरान हजारों प्रवासी मजदूर राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों जैसे फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, अंबाला और अन्य स्थानों से अपने घरों के लिए रवाना हुए हैं।

सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस पर त्वरित प्रतिक्रिया की और अपने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मजदूरों को रोके रखने के लिए उन्हें मनाने का हर संभव प्रयास करें।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कई लाख मजदूर घर जाना चाहते थे। हालांकि 47,000 लोगों को प्राथमिकता के आधार पर घर भेजे जाने की पहचान की गई। उनमें से 25,000 मजदूरों को उनके संबंधित गृह राज्यों में भेज दिया गया है। बाकी को भेजने के प्रयास जारी हैं।

इस बीच, सरकार ने उन मजदूरों के लिए एक पोर्टल भी बनाया, जो या तो अपने गांव पहुंच चुके हैं या घर पर हैं और काम फिर से शुरू करने के लिए हरियाणा लौटना चाहते हैं।

कुल 1.67 लाख मजदूरों में से, जिन्होंने औद्योगिक स्थलों पर लौटने में रुचि दिखाई है, लगभग 60 से 70 प्रतिशत उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं।

सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार ने रेलवे से मजदूरों को उनके गृहनगर से लाने के लिए 100 विशेष ट्रेनें चलाने के लिए कहा है। पंजीकरण पोर्टल से पता चलता है कि हरियाणा लौटने वाले 79 प्रतिशत मजदूर फरीदाबाद, गुरुग्राम, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, यमुनानगर और रेवाड़ी के औद्योगिक क्षेत्रों में काम के लिए शामिल होंगे।

राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान राज्य के लिए जो एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है, वो यह है कि मुख्यमंत्री ने 60 विदेशी कंपनियों को हरियाणा आमंत्रित करने में भी कामयाबी हासिल की है। शनिवार को संपन्न हुए तीन-दिवसीय व्यवसाय वेबिनार के बाद उन्होंने संकेत दिया कि जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया में स्थित प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनियां हरियाणा में शिफ्ट होना चाहती हैं और इस अवसर के परिणामस्वरूप लगभग 2,000 करोड़ रुपये का निवेश हो सकता है।

खट्टर ने यह भी संकल्प लिया है कि राज्य की सभी विनिर्माण इकाइयों को मुश्किल समय से गुजरने के लिए राहत दी जाएगी।

शीर्ष सूत्रों ने कहा कि उद्योगों के पहिए को गतिमान बनाने के लिए मुख्यमंत्री खट्टर व्यक्तिगत रूप से मजदूरों के पंजीकरण पोर्टल की निगरानी कर रहे हैं, ताकि हरियाणा के विनिर्माण केंद्रों से दूर-दराज के कर्मचारियों को वापस लाया जा सके।

गुरुग्राम एक प्रमुख आईटी हब होने के साथ ही हरियाणा में मारुति सुजुकी, हीरो मोटोकॉर्प, एस्कॉर्ट्स, सोनी, जेसीबी, यामाहा मोटर्स, व्हर्लपूल, गुडइयर, एबीबी और कई अन्य औद्योगिक दिग्गज हैं। इसके अतिरिक्त यहां 80,000 से अधिक मध्यम और लघु औद्योगिक इकाइयां भी हैं।

Created On :   10 May 2020 10:01 PM IST

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