Ahmedabad Plane Crash: जब हादसे के बाद अमेरिका में बोइंग CEO को लगी फटकार, रोना जैसी हो गई हालात!

- अहमदाबाद में हुए दर्दनाक प्लेन हादसा
- बोइंग प्लेन पर उठ रहे सवाल
- अमेरिका में बोइंग CEO को लगी फटकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया में अहमदाबाद विमान हादसा चर्चा का विषय बना हुआ है। इस दर्दनाक हादसे में एयर इंडिया का प्लेन एआई-787 बनाने वाली कंपनी अमेरिकी कंपनी बोइंग सवालों के घेरे में आ गई हैं। बता दें, यह प्लेन बोइंग का ड्रीमलाइनर सीरीज का था। बता दें, अहमदाबाद विमान हादसे में अब तक 270 लोगों की मौत हो चुकी हैं।
हालांकि, यह ऐसा पहली बार नहीं है जब बोइंग कंपनी के प्लेन अपने आप हादसे या टेक्निकल फॉल्ट की वजह से सुर्खियां में आया है। बोइंग पर सवाल उठते रहे हैं और ऐसे ही गंभीर सवाल एक बार अमेरिका में तब के मिसौरी के सीनेटर जोश हावले ने बोइंग के तत्कालीन सीईओ डेल कैलहॉन से पूछे थे। सवाल इतने सख्त थे कि बस डेल कैलहॉन का रोना ही बाकी रह गया था।
18 जून, 2024 को हुई इस पूछताछ की शुरुआत में जोश हावले बोइंग कंपनी के तत्कालीन सीईओ डेल कैलहॉन से उनकी सैलरी के बारे में बात करते हैं और ये भी बताते हैं कि इस साल उनकी सैलरी में बोइंग कंपनी ने कितना इजाफा किया है।
सीनेटर और सीईओ के बीच हुए तीखे सवाल-जवाब
सीनेटर- आपको किस काम के लिए अभी इतने पैसे मिलते हैं?
सीईओ- ये हमारे दस्तावेज में दर्ज है कि मुझे किस साल में नौकरी मिली, लेकिन हां ये बड़ी रकम है।
सीनेटर- चलिए मैं आपकी मदद करता हूं। इस साल आपको 32।8 मिलियन डॉलर मिले, ठीक है।
सीईओ- हां
सीनेटर- पिछले साल इसमें 45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, ठीक है।
सीईओ- हां
सीनेटर- आपको किस काम के लिए इतने पैसे मिलते हैं?
सीईओ- मुझे बोइंग कंपनी को चलाने के लिए पैसे मिलते हैं।
सीनेटर- तो मुझे ये समझाने में मदद कीजिए कि आपको इस बात के भी पैसे मिलते हैं कि आप पारदर्शिता बरतें।
सीईओ- हां, मुझे लगता है कि बोर्ड मुझे पारदर्शी मानता है।
इसके बाद सीनेटर का लहजा सख्त हो जाता है और वो कहते हैं कि क्या सच में क्योंकि आपके खिलाफ आपराधिक जांच चल रही है, जिसमें आपने अलास्का एयरलाइंस की 787 फ्लाइट्स का गलत तरीके से निरीक्षण किया। सीनेटर ने कहा, "आपके खिलाफ फेडरल एविएशन इन्वेस्टिगेशन धोखा देने के आरोप में आपराधिक षड्यंत्र की जांच कर रही है और आपके कार्यकाल में मुझे पारदर्शिता दिखती नहीं है।"
सीनेटर- क्या सच में क्योंकि आपके खिलाफ आपराधिक जांच चल रही है, जिसमें आपने अलास्का एयरलाइंस की 787 फ्लाइट्स का गलत तरीके से निरीक्षण किया? आपके खिलाफ फेडरल एविएशन इन्वेस्टिगेशन धोखा देने के आरोप में आपराधिक षड्यंत्र की जांच कर रही है और आपके कार्यकाल में मुझे पारदर्शिता दिखती नहीं है। सुरक्षा का क्या है? क्या वो भी आपकी सैलरी का हिस्सा है?
सीईओ- हां, आप जानते हैं
सीनेटर- क्या आपने वो रिपोर्ट देखी है, जिसमें आपने उस कॉन्ट्रैक्टर से दरवाजे का वो टुकड़ा बनवाया था, जो आसमान से गिर गया था? फेडरल एविएशन इन्वेस्टिगेशन ने जब दौरा किया था तो पाया था कि दरवाजे की सील को बर्तन धोने वाले साबुन से चिकना किया गया और कपड़े से पोछा गया, दूसरे को होटल रूम की चाबी से जांच की गई, क्या यही सुरक्षा है आपकी नजर में?
सीईओ- मुझे लगता है कि उस सप्लायर के साथ हमारे रिश्तों को फेडरल एविएशन इन्वेस्टिगेशन ने अच्छी तरह से जांचा-परखा था और मैं उस कंपनी को अपने पास लेना चाहता हूं ताकि भविष्य में ऐसा कुछ न हो।
सीईओ डेल कैलहॉन के इस बयान के बाद तो सीनेटर हत्थे से ही उखड़ गए थे और फिर ऐसी क्लास लगाई थी कि डेल कैलहॉन को वो बातचीत ताउम्र याद रहेगी।
सीनेटर- क्या आप जानते हैं कि एफएए ये भी कहता है कि 2019 और 2020 में जो कदम उठाने को कहे गए थे, बोइंग ने उनको लागू नहीं किया और वो भी तब जब हादसे हुए थे। आपने अब भी सुरक्षा प्रक्रिया नहीं अपनाई है और जो सिफारिशें थीं, उनको लागू नहीं किया है। मेरा मतलब ये है कि आपको 33 मीलियन डॉलर की सैलरी मिलती है और सुरक्षा भी आपके काम का हिस्सा है तो आप इसके योग्य कैसे हैं। क्या गुणवत्ता आपकी जिम्मेदारी नहीं है?
सीईओ- मैं एफएए के लोगों से हमेशा मिलता हूं। मुझे किसी ऐसे हादसे के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जिसपर हमने कोई कार्रवाई नहीं की है।
दोनों के बीच हुई तल्ख बातचीत
इसके बाद भी दोनों के बीच की बातचीत बेहद तल्ख रही। सीनेटर बार-बार बोइंग की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाते रहे, अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाते रहे। वहीं बोइंग के सीईओ बार-बार खुद के बचाव में और कंपनी के बचाव में दलील देते रहे। पूरी बातचीत इस नोड पर खत्म हुई कि डेल कैलहॉन का बोइंग सीईओ के पद पर बने रहना एक मजाक है।
इसके बाद 7 अगस्त 2024 डेल कैलहॉन का बतौर बोइंग सीईओ आखिरी दिन बन गया, लेकिन सवाल है कि क्या भारत में भी ऐसा ही होगा। क्या भारत में भी कोई ऐसा है, जो पूछेगा कि 265 लोग कैसे मरे, कोई पूछेगा टाटा एयरलाइंस से या फिर बोइंग से या फिर सरकार के किसी नुमाइंदे से कि आखिर उन 265 लोगों का दोष क्या था?
Created On :   14 Jun 2025 12:48 AM IST