दुश्मन पर नजर: अंतरिक्ष में 50 बॉडीगार्ड सैटेलाइट भेजने की तैयारी में भारत

- स्टार्टअप्स के साथ मिलकर हो रहा काम
- अंतरिक्ष में गतिविधियां बढ़ा रहा चीन
- भारत-पाकिस्तान संघर्ष में इसरो की अहम भूमिका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुश्मन देशों के सैटेलाइट्स से अपने उपग्रहों को अंतरिक्ष में बचाने के लिए भारत एक नई रणनीति पर काम कर रहा है। अंतरिक्ष में भारत उन संभावित हमलों को रोकना चाहता है, दो दुश्मन देश कर सकते है। इस पर भारत तेजी से काम कर रहा है। इसके पीछे की मुख्य वजह 2024 के मध्य में एक विदेशी उपग्रह इसरो के एक उपग्रह के नजदीक आ गया था। मिली जानकारी के अनुसार यह भारतीय उपग्रह से महज एक किलोमीटर की दूरी था। इसरो के इस सैटेलाइट का यूज धरती पर निगरानी और मानचित्रण जैसे काम में हो रहा था, जिनका उपयोग रक्षा क्षेत्र में भी होता है। इसरो और अंतरिक्ष विभाग ने आधिकारिक तौर पर इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। खबरों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ऐसे 'बॉडीगार्ड' सैटेलाइट्स को बनाना चाहती है, जो भारतीय उपग्रहों के आसपास रहकर उन्हें खतरे से बचा सकें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को पहचान सकें।
हालांकि गनीमत रही कि उपग्रह एक दूसरे से टकराएं नहीं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह इत्तेफाक नहीं, बल्कि एक तरह का शक्ति प्रदर्शन था। यानी दूसरा देश अंतरिक्ष में अपनी ताकत का प्रदर्शन करना चाहता था। इस घटना ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अंतरिक्ष मौजूद खतरे को उजागर कर दिया। । भारत उपग्रह सुरक्षा परियोजना के तहत अंतरिक्ष में अपने सुरक्षा ढांचे को मजबूत करना चाहता है। इसके तहत करीब 27 हजार करोड़ रुपये की लागत से 50 सर्विलांस सैटेलाइट भेजे जाएंगे। पहला सैटेलाइट अगले साल लॉन्च होने की संभावना है।
भारत का पड़ोसी चीन और पाकिस्तान के साथ लंबे समय से सीमा को लेकर विवाद है और इन देशों की अंतरिक्ष क्षमताएं अलग-अलग स्तर की हैं। पाकिस्तान के पास केवल आठ उपग्रह हैं, वहीं भारत के पास सौ से ज्यादा उपग्रह हैं। चीन इस मामले में सबसे आगे है, उसके पास 930 से भी ज्यादा उपग्रह हैं। पाकिस्तान के पास केवल 8 उपग्रह हैं ,जबकि चीन के पास 930 से भी ज्यादा उपग्रह हैं। भारत के पास सौ से अधिक उपग्रह हैं। चीन अंतरिक्ष में खरतरनाक तरीके से अपनी मौजूदगी तेजी से बढ़ा रहा है।
Created On :   22 Sept 2025 3:24 PM IST