पाक हुआ कमजोर: अमेरिका के सामने हाथ फैलाने पर मजबूर हुआ पाकिस्तान, मांग सकता है ये मिसाइल

अमेरिका के सामने हाथ फैलाने पर मजबूर हुआ पाकिस्तान, मांग सकता है ये मिसाइल
  • ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान इस वजह से नहीं टिक पाया
  • अमेरिका से पाकिस्तान मांग सकता ये मिसाइल
  • ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने चीन की इस मिसाइल से किया हमला

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। पाकिस्तान भारत के सामने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान टिक नहीं पाया था। इसके बाद से वह अमेरिका का दौरा कर रहा है। ये नोबत इसलिए आई क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने चीनी मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। जिनको भारतीय एयर डिफेंस ने हवा में ही खत्म कर दिया था। पाकिस्तानी एयरफोर्स (पीएफ) चीफ जहीर अहमद बाबर सिद्धू रक्षा संबंधों के मामले में अमेरिकी दौरे पर है। यह दौरा पाकिस्तानी एयरफोर्स चीफ का एक दशक बाद का हैं। इससे पहले फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने भी अमेरिका का दौर किया था। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी और साथ में व्हाइट हाउस में लंच किया था।

अमेरिका के इन हथियारों पर पाकिस्तान की नजर

पाकिस्तानी एयरफोर्स चीफ ने अमेरिकी वायुसेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डेविड समेत कई उच्च अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी हथियारों पर अब पाकिस्तान को भरोसा नहीं है। जिसके चलते पाकिस्तान अपनी वायु सेना को अधिक ताकतवर बनाने के लिए एफ-16 ब्लॉक 70 फाइटर जेट और एयर डिफेंस सिस्टम समेत कई एडवांस अमेरिका के हथियारों पर नजर गढ़ाए हुए है और उनको खरीदने पर विचार कर रहा है।

अमेरिका से इस मिसाइल को खरीद सकता है पाकिस्तान

अमेरिका की AIM-7 स्पैरो मिसाइल हवा में अपने टारगेट को मार गिराने की क्षमता रखता है। इसके अलावा अमेरिका में निर्मित हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) की बैटरियां है। इन्हें पाने के लिए पाकिस्तान हर संभव कोशिश कर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तना ने चीन से बुलाई गई HQ-9P और HQ-16 मिसाइलों से हमला किया था। लेकिन भारत ने इन मिलाइलों को हवा में ही मार गिराया था।

पहले पाकिस्तान के थल सेना प्रमुख ने अमेरिका का दौरा किया था, लेकिन अब एयरफोर्स चीफ के इस दौरे से पता चलता है कि पाकिस्तान को चीन के किसी भी हथियार पर अब भरोसा नहीं रहा है। इस कारण से पाकिस्तान अपने हथियारों के जखीरें को और मजबूत बनाने के लिए अमेरिका से संबंध मजबूत करने में लगा हैं।

Created On :   4 July 2025 1:21 AM IST

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