IND-PAK Ceasefire: फिर खुली ट्रंप की पोल, वाशिंगटन में एस जयशंकर ने बताया राष्ट्रपति के दावे का सच, कहा- सीजफायर की बात भारत-पाक के DGMO...

- अमेरिका के दौरे पर विदेश मंत्री
- वाशिंगटन में एस जयशंकर ने खोली ट्रंप की पोल
- भारत-पाक सीजफायर का उठा मुद्दा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका के दौरे पर हैं। उन्होंने राजधानी वाशिंगटन डीसी में क्वाड देशों (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) की मीटिंग में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान सीजफायर वाले बयान को गलत बताया। विदेश मंत्री ने एक बार फिर साफ कर दिया कि भारत-पाक डीएमओ के बीच सीजफायर के संबंध में बात हुई थी। आपको बता दें कि, यह पहली बार नहीं है जब भारत ने ट्रंप के दावों का खंडन किया है। इससे पहले भी कई बार भारत ने यह स्पष्ट कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्रंप से फोन पर बात कर इस मामले पर साफ-साफ बात की थी।
'DGMO ने की थी सीजफायर की बात'
बैठक के बाद एक पत्रकार ने जयशंकर से सीजफायर को लेकर सवाल किया। इसके जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि उस वक्त क्या हुआ इसके रिकॉर्ड एकदम साफ हैं। सीजफायर के संबंध में दोनों देशों के डीजीएमओ (Director General of Military Operations) ने आपस में बातचीत की थी। इसके बाद युद्ध विराम पर सहमति बनी।
पीएम मोदी ने भी खोली ट्रंप की पोल
हाल ही में G7 समिट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फोन पर अच्छा खासा डिस्कशन हुआ था। न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर बात करने का आग्रह किया था। दोनों के बीच 35 मिनट तक बातचीत हुई थी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी थी कि पीएम ने ट्रंप से ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान को लेकर चर्चा की। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस बात की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से साफ कहा कि इस पूरी घटना के दौरान भारत-अमेरिका व्यापार समझौते और अमेरिका की ओर से भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता को लेकर किसी भी स्तर पर बातचीत नहीं हुई। सैन्य कार्रवाई रोकने के बारे में बातचीत भारत और पाकिस्तान के बीच दोनों सेनाओं के बीच स्थापित मौजूदा चैनलों के तहत सीधे हुई, यह पाकिस्तान के अनुरोध पर हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत ने न कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा।
Created On :   3 July 2025 10:19 AM IST