Baloch Chief Dead: बलूच आर्मी को लगा बड़ा झटका, इराक में बीएलए चीफ बशीर जेब की गोली मारकर हुई हत्या

- बलूच लिबरेशन आर्मी के लिए बड़ी खबर
- बलूच चीफ बशीर जेब की हुई हत्या
- इराक में मारी गोली
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बलूचिस्तान में बलूच लिब्रेशन आर्मी की तरफ से पाकिस्तान की जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया गया था। जिसको लेकर पूरी दुनिया काफी ज्यादा हैरान है। इस ट्रेन में करीब 440 से ज्यादा यात्री मौजूद थे। जब ट्रेन बलूचिस्तान की प्रांतीय राजधानी क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की तरफ जा रही थी तब ही इसको हाईजैक किया गया था।
पाकिस्तान और बलूचिस्तान के बीच मामला जारी है। इसी बीच बलूच आर्मी को बड़ा झटका लगा है। बता दें, बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी के प्रमुख बशीर जेब की इराक में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। दो पहले ही बशीर जेब ने कहा भी था कि उनको वहां बिना बता चले ही मार दिया जाएगा और उनको वहीं ही गोली पड़ी है जहां वो छिपे थे।
कब मिली थी बीएलए की कमान?
बशीर जेब को साल 2018 में बीएलए की कमान दी गई थी। प्रमुख बनने से पहले वह संगठन की कोर कमेटी के प्रमुख सदस्य भी थे। उनके नेतृत्व में बलूचिस्तान में बीएलए की गतिविधियां तेज हो गई थी, जिससे पूरे क्षेत्र में इसकी मौजूदगी पर प्रभाव पड़ा था। यहां तक कि पाकिस्तान के बड़े नेताओं को भी स्वीकार करना पड़ा कि बलूचिस्तान पर से सरकार का नियंत्रण धीरे-धीरे कमजोर होता जा रहा है।
कौन हैं पिता?
बशीर जेब के पिता बलूचिस्तान के प्रसिद्ध डॉक्टर हैं। उनका घर प्रांतीय राजधानी क्वेटा से केवल 145 किलोमीटर की दूरी पर ही नुश्की कस्बे में है। जेब मुहम्मद हसनी जनजाति से आते हैं। जो कि दक्षिणी बलूचिस्तान के कई सारे जिलों में फैली हुई सबसे बड़ी जनजातियों में से एक है।
शैक्षिक सफर कैसा रहा?
बशीर जेब ने इंजीनियरिंग की है, उनके पास इंजीनियरिंग की डिग्री है। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई क्वेटा के डिग्री कॉलेज से पूरी की है। साल 2012 में, वह बीएलए के "आजाद मिशन" के तहत संगठन से जुड़े थे और तब से ही इस संगठन के लिए सक्रीय तौर पर काम कर रहे थे और एक एक्टिव मेंबर थे।
जेब के जुड़ने से क्या हुआ फायदा?
प्रमुख बनने के बाद बशीर जेब ने आत्मघाती हमलावरों को तैयार किया था, जिसमें खास तौर पर बलूच महिलाओं को शामिल किया गया था। ये महिलाएं बुर्के के नीचे बम से लैस जैकेट पहनकर हमलों को अंजाम देती थीं। जेब के नेतृत्व में बलूच लिब्रेशन आर्मी ने पाकिस्तान की सेना पर हमला करने के साथ-साथ चीनी सैनिकों को भी निशाना बनाया था। उसके तालिबान से भी अच्छे संबंध थे, जिस वजह से ही पाकिस्तान की सेना इस इलाके में खुद को कमजोर महसूस करती थी।
Created On :   16 March 2025 3:37 PM IST