Balochistan Independence Movement: आखिर क्यों पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं बलूचिस्तान के लोग...कौन हैं उनका नेतृत्व करने वाले लीडर मीर यार बलोच?

- बलूचिस्तान ने लोगों ने किया पाकिस्तान से आजादी का ऐलान
- बलोच नेता मीर यार बलूच ने किया सोशल मीडिया पर की घोषणा
- भारत समेत अंतरराष्ट्रीय समुदायों से समर्थन मांगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के ऊपर एक के बाद एक कई मुसीबतें आ रही हैं। सालों से महंगाई, कर्ज और बेरोजगारी की मार झेल रहे पड़ोसी मुल्क को हाल ही में सीमा पर भारत के हाथों मुंह की खानी पड़ीं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत उसके घर में घुसकर तबाही मचा दी। लेकिन अब इन सब से बड़ी आफत पाकिस्तान पर आ गई है। दरअसल, भारत के अभिन्न हिस्से कश्मीर पर कब्जा करने का नापाक इरादा रखने वाला पाकिस्तान ही अब दो फाड़ होने की कगार पर पहुंच गया है।
बलूच लीडर मीर यार बलोच ने बुधवार रात पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी की औपचारिक घोषणा कर दी है। उन्होंने इसकी वजह दशकों से पाकिस्तान द्वारा प्रांत में की जा रही हिंसा, स्थानीय लोगों का अपहरण और मानवाधिकारों के उल्लंघन को बताया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मीर ने पोस्ट की जिसमें उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान के लोगों ने अपना फैसला ले लिया है। दुनिया को अब इस पर चुप नहीं बैठना चाहिए। उन्होंने अपनी आजादी के लिए भारत समेत यूएन जैसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन मांगा है।
कौन हैं मीर यार बलोच?
बलूचिस्तान की जनता की तरफ से पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी का ऐलान करने वाले बलूच राष्ट्रवादी नेता मीर याद बलोच का नाम चर्चा में है। वह एक लेखक, स्वतंत्र पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता और आजाद बलूचिस्तान आंदोलन का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने बलूचिस्तान की आजादी की मांग के साथ ही संयुक्त राष्ट्र से बलूचिस्तान को अलग देश के तौर पर पहचान देने के लिए बैठक बुलाने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार से नई दिल्ली में दूसरे देशों के जैसे बलूचिस्तान दूतावास को मंजूरी देने की गुहार लगाई है।
क्यों आजादी की मांग कर रहे बलूच लोग?
पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत बलूचिस्तान में देश का लगभग आधा गैस उत्पादन होता है। इसके साथ ही ये कॉपर और सोने से भी समृद्ध है। पाकिस्तान इन सबका दोहन तो करता है लेकिन विकास के नाम पर सूबे में कुछ भी नहीं करता है। इसके अलावा बलूच लोगों की भाषा और संस्कृति भी बाकी पाकिस्तान से अलग है। वहां बलूची बोली जाती है जबकि पाकिस्तान में उर्दू और पंजाबी बोली जाती है। बलूच लोगों को डर है कि पाकिस्तान उसकी भाषा और कल्चर को खत्म कर देगा। जैसा उसने बांग्लादेश (1971 से पहले पूर्वी पाकिस्तान) के साथ किया था।
पाकिस्तान का सबसे बड़ा और समृद्ध होने के बावजूद भी इस्लामाबाद की राजनीति और मिलिट्री में बलूच लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। बलूच के लोग कई बार पाकिस्तान की आर्मी और सरकार पर उनके अधिकारों के हनन और उत्पीड़न के आरोप लगते रहे हैं। बलूचिस्तान के समर्थकों का आरोप है कि यहां से अक्सर लोग गायब हो जाते हैं, जिन्हें या तो मार दिया जाता है या फिर उनकी हत्या कर दी जाती है।
Created On :   15 May 2025 6:43 PM IST