टैरिफ नीति पर भारत का रीटेलिएशन: भारत-पाक तनाव के बीच डोनाल्ड ट्रंप को झटका! भारत अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर कस सकता है टैरिफ का शिंकजा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का राग अलापने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को टैक्स पॉलिसी पर करारा जवाब मिल सकता है। मीडिया रिपोर्ट के दावा है कि भारत ने अमेरिका के प्रोडक्टस पर ड्यटी लगाने का फैसला लिया है। इसके लिए भारत ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (डब्लूटीओ) को प्रस्ताव भेजा है। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने मार्च 2018 से अमेरिका द्वारा स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर 25 प्रतिशत अधिक टैरिफ लगाने के जवाब में दिया है।
भारत ने डब्लूटीओ को भेजा प्रस्ताव
भारत ने 12 मई को डब्लूटीओ को भेजे गए दस्तावेज में कहा गया कि "प्रस्तावित रियायतों का निलंबन या अन्य दायित्व अमेरिका से आने वाले चुनिंदा उत्पादों पर टैरिफ वृद्धि के रूप में होगा।" फिलहाल, प्रस्तान में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किन-किन अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगाया जाएगा।
बता दें, मार्च में अमेरिका ने भारत और अन्य देशों से आयातित स्टील और एल्यूमिनियम पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था। दरअसल, साल 2018 में डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में यह नीति शुरु की गई थी। इसका सीधा असर भारत जैसे बड़े स्टील उत्पादक देश पर पड़ा है। मालूम हो कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा स्टील उत्पादक देश है।
डब्लूटीओ को भेजे प्रस्ताव मे भारत ने कहा कि अमेरिका के इस फैसले से लगभग 7.6 बिलियन डॉलर के भारत-निर्मित उत्पादों पर असर पड़ा है, जो अमेरिका में निर्यात किए जाते हैं। इसके साथ ही, ट्रंप प्रशासन ने भारतीय सामानों पर 26 फीसदी तक का रेसिप्रोकल टैक्स लगाने की भी बात की है।
जानें कैसे होगा हल?
टैरिफ वॉर के बीच भारत और अमेरिका एक व्यापक ट्रेड डील को अंतिम रुप देने की पढ़ाव में है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल दोनों देश एक समझौते तक पहुंच सकते हैं। भारत ने इशारा दिया है कि वह अमेरिका के साथ अपने टैरिफ गैप को दो-तिहाई तक कम करने के लिए सहमत है।
इस बारे में हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में एक ट्रेड एक्सपर्ट ने बताया कि यह जवाबी कार्रवाई ऐसे समय में आई है जब भारत और अमेरिका एक व्यापक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की संभावनाओं पर काम कर रहे हैं। ऐसे में भारत की ओर से यह पलटवार बातचीत की प्रक्रिया को कम कर सकता है।
अमेरिका पर भारत के टैरिफ बढ़ाने वाले प्रस्ताव से यह साफ हो गया है कि वह अपने घरेलू उद्योग को भी संरक्षण दे रहा है। इस साल अप्रैल में भारत ने चीन से आयात होने वाले सस्ते स्टील को रोकने के लिए 12 प्रतिशत तक अस्थायी टैरिफ लगाया था। ऐसा करने के मकसद घरेलू सप्लाई को संतुलित करना और स्टील उद्योग की रक्षा करना है।
Created On :   13 May 2025 10:39 PM IST