दक्षिण अमेरिका: दक्षिण अमेरिका के सूरीनाम देश की डॉ. जेनिफर ग्रीलिंग्स सिमंस पहली बार महिला राष्ट्रपति बनेगी

दक्षिण अमेरिका के सूरीनाम देश की डॉ. जेनिफर ग्रीलिंग्स सिमंस पहली बार महिला राष्ट्रपति बनेगी
  • 16 तारीख को संभालेंगी राष्ट्रपति पद की कुर्सी
  • दक्षिण अमेरिका का छोटा सा देश है सूरीनाम
  • पेशे से डॉक्टर है सिमंस, फुटबाल और पढ़ने की शौकीन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सूरीनाम देश को पहली बार एक महिला राष्ट्रपति मिलने जा रही है। आपको बता दें इस महीने की 16 तारीख को दक्षिण अमेरिका के इस छोटे देश की डॉ. जेनिफर ग्रीलिंग्स सिमंस राष्ट्रपति पद संभालेगी। डॉ. जेनिफर को पढ़ना और फुटबाल खेलना अच्छा लगता है। पेड़ पर बैठकर सुकून से पढ़ने में उन्हें बेहद आनंद आता था। डॉ. जेनिफर को बच्चों से काफी लगाव है। 25 मई को हुए आम चुनाव के मतदान के दौरान वह अपने साथ बच्चों को लेकर गई थीं। युवा और बच्चे उन्हें ‘आंटी जेनी’ कहकर बुलाते हैं। डॉ. जेनिफर सिमंस की गिनती अनुशासन प्रिय और कुशल वक्ताओं में होती है।

पेशे से डॉक्टर सिमंस देश की दसवीं राष्ट्रपति बनेगी। पांच साल पहले जेनिफर सिमंस ने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था। लेकिन नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के संस्थापक और पूर्व राष्ट्रपति डेसी बाउटर्स का बीते साल निधन होने के बाद पार्टी नेतृत्वहीन हो गई। इसी बीच एनडीपी के संस्थापक और पूर्व राष्ट्रपति डेसी बाउटर्स को 1982 में हुई 15 सरकारी आलोचकों की हत्या के मामले में वर्ष 2023 में दोषी ठहराया गया। बाउटर्स जेल जाने के डर से अज्ञात स्थान पर छिप गए और वर्ष 2024 में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर उनकी मौत हो गई। नेतृत्व के लिए जूझ रही एनडीपी को फिर खड़ा करने के लिए डॉ. जेनिफर ने अपने संन्यास के निर्णय पर पुनर्विचार किया और इस साल हुए चुनावों में एनडीपी सबसे बड़ा राजनीतिक दल बनकर उभरा।

अन्य नेताओं के आग्रह पर जेनिफर ने पार्टी की कमान संभाली और उनके नेतृत्व में इस साल मई में हुए आम चुनाव में एनडीपी सत्ताधारी प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी से एक सीट ज्यादा जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन दो-तिहाई बहुमत से काफी पीछे थी। यह जेनिफर सिमंस की सर्वस्वीकार्यता और करिश्माई नेतृत्व ही है कि अन्य विपक्षी पार्टियों ने उन्हें समर्थन देकर अपने देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनने का गौरव प्रदान किया।

जेनिफर सिमंस का जन्म पांच सितंबर, 1953 को अटलांटिक महासागर के नजदीक और सूरीनाम नदी के उत्तरी तट पर स्थित देश की राजधानी पारामारिबो में हुआ था। जेनिफर ने स्कूली शिक्षा हासिल करने के बाद एंटोन डी कॉम विश्वविद्यालय से मेडिकल की पढ़ाई की। उन्होंने महामारी विज्ञान और कुष्ठ रोग प्रबंधन में स्नातकोत्तर भी किया। त्वचा रोग विशेषज्ञ के रूप में काम करने वाली जेनिफर ने 29 जून, 1981 को चिकित्सक डॉ. ग्लेन ग्रीलिंग्स से शादी की। उनके तीन बच्चे एडवर्ड, जोनाथन और नाओमी हैं।

1996 में जेनिफर ने चिकित्सा का पेशा जारी रखते हुए राजनीति में एंट्री की। इसी साल उन्होंने पारामारिबो जिले से एनडीपी की तरफ से चुनाव भी लड़ा और चुनकर नेशनल असेंबली में पहुंचीं। वह एनडीपी की उपाध्यक्ष बनीं और 2000 से 2006 तक संसदीय दल की नेता भी रहीं। वर्ष 2010 में जब एनडीपी सत्ता में आई, तो डॉ. जेनिफर सिमंस को नेशनल असेंबली का अध्यक्ष चुना गया। इस पद पर पहुंचने वाली वह देश की दूसरी महिला बनीं।

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डॉ. जेनिफर पर विपक्ष कई मौको पर तानाशाही का आरोप लगा चुका है। 2012 में उनके पति डॉ. ग्लेन ग्रीलिंग्स पर डाकघर से संबंधित धोखाधड़ी का आरोप लगा था, लेकिन वह आरोप साबित नहीं हो सका। 2020 में डॉ. जेनिफर तो अपनी संसदीय सीट से चुनाव जीत गईं, लेकिन उनकी पार्टी को दस साल शासन करने के बाद सत्ता गंवानी पड़ी। इसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी और अपना पुराना डॉक्टरी का पेशा फिर से शुरू कर दिया। 2020 में कोरोना महामारी के समय सूरीनाम में तीन माह का आपातकाल लगा दिया गया। लोगों तक चिकित्सा सेवाएं ठीक से पहुंच सकें, इसके लिए सरकार ने डॉ. जेनिफर सिमंस की महामारी विज्ञान में विशेषज्ञता का लाभ उठाया और उन्हें संसदीय कोविड-19 संकट प्रबंधन की कमान सौंपी। संसद सदस्य के रूप में डॉ. जेनिफर जनस्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, संचार, पर्यटन और संसदीय मामलों जैसी समितियों में शामिल रही हैं। वह राष्ट्रीय एड्स एवं यौन संचारित रोगों (एसटीडी) कार्यक्रम की प्रबंधक भी रह चुकी हैं।

Created On :   12 July 2025 1:23 PM IST

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