नेपाल: एक नागरिक सामाजिक संगठन का दावा, युवाओं को ढाल बनाकर सैन्य मध्यस्थता के बहाने राजशाही बहाल कराने की साजिश

एक नागरिक सामाजिक संगठन का दावा, युवाओं को ढाल बनाकर सैन्य मध्यस्थता के बहाने राजशाही बहाल कराने की साजिश
  • अंतरिम सरकार के गठन की कोशिशें तेज
  • एक नागरिक समूह ने बयान जारी कर सेना पर लगाए आरोप
  • संगठन ने राष्ट्रीय मामलों में नेपाली सेना की बढ़ती भूमिका पर चिंता व्यक्त की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेपाल के एक नागरिक समाज संगठन बृहत नागरिक आंदोलन (बीएनए) ने बयान जारी करते हुए कहा है कि नेपाल में सैन्य मध्यस्थता के बहाने राजशाही बहाल करने की साजिश रची जा रही है। नेपाल में विरोध प्रदर्शन और के.पी. शर्मा ओली सरकार के इस्तीफे के बाद अंतरिम सरकार के गठन को लेकर बातचीत का दौर जारी है। बीएनए ने अपने बयान में राष्ट्रीय मामलों में नेपाली सेना की बढ़ती भूमिका पर चिंता व्यक्त की है।

आपको बता दें नेपाल ने साल 2008 में राजशाही खत्म हो गई थी। देश में फिर से सरकार के विरोध में प्रदर्शन के जरिए राजशाही लागू करने की मांग हो रही है। कुछ दिनों से पूर्व राजा ज्ञानेंद्र सिंह की सक्रियता भी बढ़ी। अब जब नेपाल में कोई सरकार नहीं है और पूरी कमान सेना के हाथ में है तो ऐसे में चर्चा है कि नेपाल में फिर से राजशाही बहाल हो सकती है। सरकार विरोधी प्रदर्शनों की अगुवाई करने वाले जेनरेशन-जेड के प्रतिनिधियों, सेना प्रमुख और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल सहित कई संगठनों के बीच अंतिम सरकार बनाने को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है।

खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक, नागरिक सामाजिक समूह ने आरोप लगाया कि 'युवा पीढ़ी के आंदोलन के शहीदों के शवों पर, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद और समावेशी व्यवस्था को खत्म करने के लिए सैन्य मध्यस्थता की आड़ में राजशाही बहाल करने की एक गंभीर साजिश रची जा रही है।

नागरिक समूह ने इस तरह के प्रयास और साजिशों को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया हैं। इस समूह का कहना है कि सरकार-विरोधी आंदोलन का मकसद कभी भी गणतंत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता को खत्म करना या पलटना ,साथ ही सेना की असंवैधानिक सक्रियता का विस्तार करना नहीं था।

Created On :   12 Sept 2025 3:14 PM IST

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