Nepal Gen Z Protest: जेन जी मान गए, बालेन शाह मान गए, आर्मी चीफ भी कर रहे हैं समर्थन, तो फिर क्यों नहीं मिल रही है सुशीला कार्की को सरकार के मुखिया की कमान?

- नेपाल में भारी प्रदर्शन के बाद पीएम केपी शर्मा ओली ने दिया पीएम पद से इस्तीफा
- अंतरिम सरकार का मुखिया तय करने के लिए लगातार हो रही है मीटिंग
- सुशीला कार्की का नाम आ रहा है सामने लेकिन अब तक नहीं किया आधिकारिक ऐलान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेपाल में जेन जी के भारी प्रदर्शन के बाद अब शांति आ गई है। काठमांडू के साथ-साथ देश के कई हिस्सों में हालात फिर से पुराने जैसे हो गए हैं। राष्ट्रपति रामचंद्र मौडेल के घर पर लगातार बैठकें हो रही हैं। लेकिन अब तक सरकार का नाम सामने नहीं आया है। ऐसा माना जा रहा है कि, सुशीला कार्की के नाम पर जेन जी मान गए हैं, बालेन शाह भी फुल सपोर्ट में हैं और कुलमन घिसिंग के साथ-साथ आर्मी चीफ भी मान गए हैं। तब भी सुशीला कार्की के नाम के ऐलान में देरी हो रही है।
अंतरिम पीएम बनने की रेस में अहम लोग थे शामिल
अंतरिम पीएम बनने की रेस में कई अहम लोगों का नाम शामिल हुआ था। बता दें, जेन जी के प्रोटेस्ट के समय केपी शर्मा ओली ने अपने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने उस समय प्रदर्शनकारी काठमांडू के मेयर और रैपर बालेन शाह को अपना नेता माना था। ऐसा भी लगने लगा था कि बालेन शाह ही अंतरिम सरकार के मुखिया बनेंगे लेकिन बाद में भ्रष्टाचार जेल में बंद पूर्व डिप्टी पीएम रबी लामिछाने को निकाल दिया गया था। तो बाद में उनका नाम भी मुखिया बनने की रेस में शामिल हो गया। इसके अलावा, कुलमन घिसिंग और सुदन गुरंग का नाम भी सामने आया था। लेकिन सभी ने अपना नाम वापस ले लिया और अपना समर्थन कार्की को देना शुरू कर दिया।
क्यों नहीं हो रहा है सुशीला कार्की के नाम का ऐलान?
आर्मी चीफ ने जेन जी प्रदर्शनकारियों से मीटिंग की थी और उस सम य ही उन्होंने सबको भरोसा दिलाया था कि वे जिनको बताएंगे उसको ही अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया जाएगा। लेकिन नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल सुशीला कार्की के मुखिया बनने में आपत्ति जता रहे हैं। उनका कहना है कि, संकट का कोई भी समाधान मौजूदा संविधान के ढांचे के अंतर ही ढूंढा जाए तो अच्छा है। नेपाल के कई नेता राष्ट्रपति के इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं।
क्या है संविधान का वो कांटा जो फंस रहा है फैसले के बीच?
बता दें, सुशीला कार्की नेपाल की पहली चीफ जस्टिस रह चुकी हैं। नेपाल में इस समय आर्मी चीफ और राष्ट्रपति के बीच तनाव देखने को मिल रहा है। आर्मी चीफ आंदोलनकारियों की बात मानने को कह रहे हैं, तो दूसरी तरफ राष्ट्रपति संविधान का हवाला देकर सुशीला कार्की को मुखिया बनाने वाले फैसले से आपत्ति जता रहे हैं। नेपाल के संविधान के बारे में जानें तो, उसका कहना है कि रिटायर्ड चीफ जस्टिस राजनीतिक या संवैधानिक पद पर आसीन नहीं हो सकता है। सुशीला कार्की पहली चीफ जस्टिस र चुकी हैं इसलिए ही राष्ट्रपति पौडेल इस फैसले से आपत्ति जता रहे हैं।
Created On :   12 Sept 2025 1:09 PM IST