Hormuz Strait Importance: होर्मुज स्ट्रेट बंद करता है ईरान तो दुनिया को होगा भारी नुकसान, जानें क्यों है ये जलमार्ग जरूरी?

होर्मुज स्ट्रेट बंद करता है ईरान तो दुनिया को होगा भारी नुकसान, जानें क्यों है ये जलमार्ग जरूरी?
  • ईरान की संसद ने अमेरिकी हमलों के बाद होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने पर दी मंजूरी
  • ईरान की सरकारी मीडिया ने दी थी जानकारी
  • भारत के साथ-साथ विश्वभर के कई देशों के लिए हो जाएगी मुश्किल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान की संसद ने होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने की मंजूरी दे दी है। ईरान की सरकारी मीडिया ने रविवार को ये जानकारी दी थी। ईरान की संसद की नेशनल सिक्योरिटी काउंंसिल के सदस्य मेजर जनरल कोवसारी का कहना है कि, ईरान के सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल को इस फैसले पर निर्णय लेना बहुत ही जरूरी था। ईरान अगर होर्मुज स्ट्रेट बंद करता है तो, इससे ग्लोबल व्यापार पर भी भारी असर पड़ेगा। तेल की कीमतें बढ़ेंगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था में हलचल मच सकती है।

बता दें, वैश्विक तेल खपत का 20 प्रतिशत होर्मुज स्ट्रेट के रास्ते से ही होकर गुजरता है। इस तरह के कदम से मध्य पूर्व में और अधिक अस्थिरता आ सकती है।

क्या है होर्मुज स्ट्रेट?

होर्मुज स्ट्रेट एक संकरा और बहुत ही जरूरी जल मार्ग है जो कि दो बड़े जल निकायों से जोड़ता है। जिन दो जल निकायों से होर्मुज स्ट्रेट जोड़ता है, वो फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी है, जो आगे जाकर अरब सागर में मिलती हैं। जो प्रमुख तेल उत्पादक देश फारस की खाड़ी के आसपास हैं, जैसे सऊदी अरब और यूएई, वो इस होर्मुज जलडमरूमध्य पर ही निर्भर हैं। बता दें, दुनिया का तेल व्यापार का सबसे बड़ा हिस्सा यहीं से आता है। होर्मुज स्ट्रेट बहुत ज्यादा चौड़ा बिल्कुल नहीं है। इसकी दूरी सिर्फ 33 किमी है और इसकी चौड़ाई केवल 3 किमी की ही है, इसलिए ही इस स्ट्रेट को ब्लॉक करना और यहां से गुजरने वाले जहाजों पर अटैक करना काफी आसान होगा।

क्यों है ये होर्मुज स्ट्रेट जरूरी?

यूएस एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (ईआईए) के मुताबिक, 2024 और 2025 की पहली तिमाही में होर्मुज स्ट्रेट से होकर बहने वाला तेल ग्लोबल तेल व्यापार का एक-चौथाई से भी ज्यादा और ग्लोबल तेल और पेट्रोलियम उत्पाद खपत का करीब पांचवां हिस्सा होगा। साथ ही ग्लोबल, वैश्विक लिक्विफाईड नेचुरल गैस ट्रेड का करीब पांचवां हिस्सा भी यहां से ही होकर गुजरेगा। इसके अलावा होर्मुज स्ट्रेट अपनी जियोग्राफिक लोकेशन के मायने से भी बहुत जरूरी है क्योंकि इसके अलावा कोई दूसरा समुद्री मार्ग नहीं है। इस वजह से ही, अगर यहां से जहाजों के मार्ग में बाधा डाली जाएगी, तो इससे पूरी दुनिया में तेल की कीमतों पर उतार-चढ़ाव के साथ अन्य वस्तुओं की कीमतों पर असर पड़ेगा।

होर्मुज स्ट्रेट बंद होने पर क्या होगा?

अगर ईरान होर्मुज स्ट्रेट बंद करता है या ब्लॉक करता है तो इससे ग्लोबल तेल निर्यात का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित होगा। इससे आपूर्ती में भी भारी कमी देखी जाएगी और तेल की कीमतों पर भी भारी असर पड़ेगा। बता दें, ओपेक (पेट्रोलियम निर्यात देशों का ऑर्गनाइजेशन) के सदस्य सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत और इराक अपने क्रूड तेल का ज्यादातर एक्सपोर्ट होर्मुज स्ट्रेट से ही करते हैं। मुख्य तौर पर इसका एक्सपोर्ट एशिया में होता है। वहीं, यूएई और सऊदी अरब ने स्ट्रेट को बायपास करने के लिए अन्य रास्तों को भी खोजना शुरू कर दिया है।

होर्मुज स्ट्रेट बंद होने से भारत पर कैसे पड़ेगा असर?

भारत अपने तेल की पूर्ती रूस के अलावा कुछ अन्य अरब देशों के साथ-साथ ईरान से भी करता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि, होर्मुज स्ट्रेट के बंद होने से भारत की तेल आपूर्ती प्रभावित हो सकती है, जिससे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। साथ ही इसका असर अन्य वस्तुओं की कीमतों पर भी पड़ेगा। मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने तेल की कीमतों में बढ़त होने की चिंता को दूर किया है। उनका कहना है कि, भारत ने विपरीत परिस्थितियों के लिए तैयारी पहले से ही की है और ऊर्जा दरें भी कंट्रोल में ही हैं।

क्या ईरान सही में कर सकता है स्ट्रेट को ब्लॉक?

जानकारी के मुताबिक, ईरान के पास तेल और गैस आयात के इस मुख्य स्ट्रेट से होकर गुजरने वाले जाहजों को रोकने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। ब्लूमबर्ग न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान होर्मुज स्ट्रेट को सिर्फ अपनी सैन्य ताकतों के चलते ही बंद कर सकता है। अगर ईरान की नौसेना इस स्ट्रेट को बंद करने की कोशिश करती है तो अमेरिकी नौसेना के साथ अन्य वेस्टर्न देशों की प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, होर्मुज स्ट्रेट बंद करने से ईरान को भी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि इस स्ट्रेट से तेहरान भी अपना प्रेट्रोलियम प्रोडक्शन एक्सपोर्ट करता है।

ईरान पर क्या पड़ेगा असर?

ब्लूमबर्ग न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान खुद अपने तेल के ट्रांजिट के लिए होर्मुज स्ट्रेट पर ही निर्भर है। होर्मुज स्ट्रेट के ईस्टर्न छोर पर ईरान का खुद का एक एक्सपोर्ट टर्मिनल स्थित है। बता दें, होर्मुज स्ट्रेट के ब्लॉकेज से चीन को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि चीन ईरान के तेल का सबसे बड़ा खरीदार है और प्रमुख पार्टनर भी है।

Created On :   23 Jun 2025 7:04 PM IST

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