अमेरिका: ट्रंप का अवैध अप्रवासियों के खिलाफ बड़ा एक्शन,कैरोलिना के सबसे बड़े शहर शार्लोट में भारी पुलिस बल तैनात

ट्रंप का अवैध अप्रवासियों के खिलाफ बड़ा एक्शन,कैरोलिना के सबसे बड़े शहर शार्लोट में भारी पुलिस बल तैनात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अवैध अप्रवासियों के खिलाफ बड़ा अभियान जारी है। ट्रंप प्रशासन ने उत्तरी कैरोलिना के सबसे बड़े शहर शार्लोट में ट्रंप प्रशासन ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ होमलैंड सिक्योरिटी के जवानों की भारी तैनाती की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अवैध अप्रवासियों के खिलाफ बड़ा एक्शन जारी है। ट्रंप प्रशासन ने उत्तरी कैरोलिना के सबसे बड़े शहर शार्लोट में गैर कानूनी रूप से रह रहे अप्रवासियों के खिलाफ होमलैंड सिक्योरिटी के जवानों को भारी तैनाती की है। संघीय सरकार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अप्रवासियों के खिलाफ एक्शन जारी है। बीते दिन अप्रवासन विभाग और होमलैंड के एजेंटों ने कई स्थानों से लोगों को गिरफ्तार किया। आपको बता दें शार्लोट नस्लीय रूप से विविध शहर है, जहां 9,00,000 से अधिक लोग रहते हैं, जिनमें 1,50,000 से ज्यादा विदेशी हैं।

इसे लेकर अमेरिका की सहायक गृह सुरक्षा सचिव ट्रिशिया मैकलॉघलिन ने कहा कि हम चाहते है अमेरिका और अमेरिकी लोग सुरक्षित रहे, इसके लिए ये अभियान जारी है, हम यह सुनिश्चित करने के लिए कि अमेरिकी सुरक्षित रहें और जन सुरक्षा खतरे से दूर हों। ट्रंप प्रशासन शार्लोट में डीएचएस कानून प्रवर्तन( Law enforcement) में बढ़ोतरी की।

शार्लोट की मेयर वी लाइल्स समेत कई स्थानीय अधिकारियों ने ट्रंप सरकार की इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि इससे अनावश्यक भय और अनिश्चितता पैदा हो रही हैं। पहले शार्लोट में होमलैंड सिक्योरिटी के जवानों की तैनाती की कोई सूचना नहीं थी। लेकिन इस हफ्ते की शुरुआत में मेक्लेनबर्ग काउंटी के शेरिफ गैरी मैकफैडेन ने बताया कि संघीय अधिकारियों ने उन्हें बताया था कि सीमा शुल्क एजेंट जल्द ही पहुंचेंगे।

खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक 46 वर्षीय शार्लोट निवासी एसिटुनो का कहना है कि सीमा गश्ती एजेंटों ने उन्हों दो बार रोका और टोका था। दूसरी बार उन्होंने कार की खिड़की तोड़कर उन्हें जबरन गाड़ी से बाहर निकाला और जमीन पर पटक दिया। मैंने उन्हें अपने आपको अमेरिकी नागरिक होना बताया। उन्हें विश्वास नहीं था,वो मेरे जन्मस्थान के बारे में जानना चाहते थे। नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज दिखाने के बाद अंत में उन्होंने मुझे रिहा किया।

Created On :   16 Nov 2025 1:04 PM IST

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