Sheikh Hasina Death Penalty: 'मेरा पक्ष सुने बिना...' सजा-ए-मौत पर आया शेख हसीना का पहला रिएक्शन

मेरा पक्ष सुने बिना... सजा-ए-मौत पर आया शेख हसीना का पहला रिएक्शन
पड़ोसी देश बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को ICT-BD ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट के इस फैसले पर शेख हसीना की पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने फैसले को पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित बताया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पड़ोसी देश बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल - बांग्लादेश (ICT-BD) ने मौत की सजा सुनाई। सोमवार (17 नवंबर) को कोर्ट के इस फैसले पर शेख हसीना की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने निर्णय को पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित बताया है।

नहीं सुना गया मेरा पक्ष - शेख हसीना

शेख हसीना ने ICT के फैसले पर कहा, "मेरा पक्ष सुना बिना यह फैसला दिया गया। यह निर्णय ऐसे ट्रिब्यूनल ने सुनाया है जिसे एक गैर निर्वाचित सरकार चला रही है। उनके पास जनता का कोई जनादेश नहीं है। ये पूरी तरह से गलत है।"

हसीना ने आगे कहा, "यह फैसले पहले से निर्धारित था। मुझे न अपना पक्ष रखने का और न ही अपने वकील से प्रतिनिधित्व करवाने का मौका दिया गया। ICT में कुछ भी इंटरनेशनल नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट सिर्फ हमारी पार्टी (अवामी लीग) के मेंबर्स पर केस चलाया, जबकि राजनीतिक विरोधियों के द्वारा की गई हिंसा को नरजअंदाज कर दिया गया।

बता दें कि कोर्ट ने शेख हसीना को पिछले साल जुलाई में हुए छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं का मास्टरमाइंड बताया है। इसके साथ ही हसीना की पार्टी के वरिष्ठ नेता और उनकी सरकार में गृह मंत्री रहे असदुज्जमान खान को भी कोर्ट ने सह-आरोपी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है।

दोनों भारत में रह रहे

शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त को हुए तख्तापलट के बाद बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई थीं। उनके साथ असदुज्जमान भी थे। तब से ही दोनों भारत में ही रह रहे हैं। बता दें किशेख हसीना सरकार पर आरोप था कि उसने जुलाई-अगस्त 2024 में हुए छात्र आंदोलन को खत्म करने के लिए निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलवाईं, उन पर ड्रोन पर हेलिकॉप्टर से हमले कराए। आंदोलन के दौरान 1400 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

Created On :   17 Nov 2025 4:44 PM IST

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