Project 75 India: मोदी सरकार ने जर्मनी के साथ की बड़ी डील, नौसेना को मिलेंगी नई टेक्नोलॉजी से लैस सबमरीन

मोदी सरकार ने जर्मनी के साथ की बड़ी डील, नौसेना को मिलेंगी नई टेक्नोलॉजी से लैस सबमरीन
  • भारत और जर्नमी के बीच हुआ बड़ा समझौता
  • जर्मनी की कंपनी भारत में बनाएगी सबमरीन
  • तीन सप्ताह तक पानी में रह सकेगी सबमरीन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार ने जर्मनी के साथ 70 हजार करोड़ की डील फाइनल की है। ये प्रोजेक्ट 75 इंडिया के तहत हुई हैं। दोनों देशों के सहयोग से छह एडवांस सबमरीन को भारत में विकसित किया जाएगा। हालांकि, दोनों देशों के बीच यह समझौता करीब 6 महीने के बाद हुआ है।

इसी महीने के अंत तक होगा शुरू

समाचार एजेंसी एएनआई को रक्षा अधिकारियों ने बताया, "रक्षा मंत्रालय और सरकारी स्वामित्व वाली मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड (MDL) ने जर्मनी की थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स कंपनी के साथ प्रोजेक्ट 75 इंडिया को लेकर बातचीत शुरू करने की मंजूरी दे दी है। भारत और जर्मन कंपनी के बीच यह बातचीत इस महीने के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है और इस कॉन्ट्रैक्ट के अगले छह महीने के अंदर पूरा होने की उम्मीद है।"

इस सिस्टम से लैस होगी सबमरीन

एक उच्चस्तरीय बैठक में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा के अधिकारियों ने इन सबमरीन के निर्माण के लिए जर्मनी कंपनी को चुना। वहीं, इसको बनाने के लिए भारत की जमीन पर सहमति बनी। इसके अलावा इसके भविष्य की समीक्षा को लेकर भी बातचीत हुई थी। ये सभी सबमरीन एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्सन (AIP) सिस्टम्स से लैस होगी, इसकी वजह से पानी के भीतर तीन सप्ताह तक यह सबमरीन रह सकती है। इस एडवांस फीचर के कारण भारतीय नौसेना को पहले से ज्यादा बल मिलेगा।

भारतीय रक्षा अधिकारियों ने दी ये जानकारी

भारतीय रक्षा अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट की वजह से देश की सबमरीन्स के प्लीट में विस्तार होगा। वहीं, प्रोजेक्ट 75 इंडिया के तहत कंवेंसनल सबमरीन्स डिजाइन और निर्माण के लिए भारत की स्वदेशी क्षमताओं को मजबूती मिलेंगी। ये समझौता ऐसे वक्त पर हुआ है, जब भारतीय नौसेना अपने बेडे में आधुनिक करने में जुटा है। वहीं, दूसरी तरफ चीन और पाकिस्तान तेजी से अपनी नौसैनिक क्षमता को लगाता बड़ा रहा है।

Created On :   24 Aug 2025 2:05 AM IST

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