भारतीय विदेश मंत्रालय ने तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारतीयों को तुरंत नाइजर छोड़ने की सलाह दी

भारतीय विदेश मंत्रालय ने तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारतीयों को तुरंत नाइजर छोड़ने की सलाह  दी
  • कुछ दिन पहले नाइजीरिया में हुआ तख्तापलट
  • ईसीओडब्ल्यूएस चाहता है नाइजर पर सैन्य कार्रवाई
  • 15 देशों का समूह ईसीओडब्ल्यूएस, समूह में से सिर्फ नाइजीरिया की सेना मजबूत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्रालय ने नाइजीरिया में रहने वाले भारतीय लोगों को तुरंत नाइजीरिया छोड़ने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरविंदम बागची की सलाह के पीछे की वजह नाइजीरिया में हुआ तख्तापलट बताया जा रहा है। जिसके चलते नाइजीरिया में अभी तनावपूर्ण हालात बने हुए है। विदेश मंत्रालय ने तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए भारतीयों को तुरंत नाइजीरिया छोड़ने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय की ओर से इस संबंध में परामर्श भी जारी किए गए है। विदेश मंत्रालय की ओर से ये भी कहा गया है कि जो लोग नाइजीरिया की यात्रा करने की प्लानिंग कर रहे हैं, उन्हें नाइजीरिया की सामान्य स्थिति होने का इंतजार करना चाहिए। संभव हो तो यात्रा को टाल सकते है। और अपनी योजनाओं पर पुनर्विचार करना चाहिए। वहीं भारतीय दूतावास भारतीयों को देश से बाहर निकलने की सुविधा मुहैया कराने पर विचार कर रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत सरकार नाइजीरिया में चल रहे घटनाक्रम में करीब से नजर बनाए हुए है और जिन भारतीयों की मौजूदगी नाइजीरिया में जरूरी नहीं है, उन्हें जल्द से जल्द नाइजर देश छोड़ने की सलाह दी जाती है। किसी भी सहायता के लिए नियामी स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करने को कहा गया है , इसके लिए दूतावास का टेलीफोन नंबर +227-99759975 जारी किया है। मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में लगभग 250 भारतीय नाइजीरिया में रह रहे हैं।

तख्तापलट, तनाव और चेतावनी

आपको बता दें 26 जुलाई को जनरल अब्दुर्रहमान त्चियानी ने नाइजीरिया में तख्तापलट करके राष्ट्रपति मोहम्मद बजूम को हटाकर सत्ता पर कब्जा कर लिया। ईसीओडब्ल्यूएस ने लोकतंत्र बहाल करने के लिए नाइजीरिया की राजधानी अबूजा में एक आपात बैठक की, बैठक में नाइजर के सैन्य शासन के खिलाफ संयुक्त सैन्य अभियान चलाकर वहां राष्ट्रपति मोहम्मद बजूम की सत्ता को बहाल करने का संकल्प लिया गया। वहीं अब्दुर्रहमान त्चियानी ने ईसीओडब्ल्यूएस से सीधी तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने नाइजर के खिलाफ युद्ध छेड़ा, तो बजूम की हत्या कर दी जाएगी।

आसान नहीं टकराना

आपको बता देंमानी जाती है, नाइजर की सेना में 33 हजार जवान शामिल हैं। नाइजीरिया सेना के जवान फ्रांस और अमेरिका से मिले आधुनिक हथियारों से भी लैस हैं। ऐसे में ईसीओडब्ल्यूएस को नाइजीरिया की सेना से टकराना आसान नहीं है। इसके अलावा पड़ोसी देश माली व बुर्किना फासो के सैन्य शासकों का भी नाइजर को समर्थन प्राप्त है।

Created On :   12 Aug 2023 4:24 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story