Israel-Iran War: इजराइल की एयरस्ट्राइक से बौखलाया ईरान अब मुस्लिम देशों के साथ करने जा रहा बड़ी तैयारी! क्या जंग की है सुगबुगाहट

इजराइल की एयरस्ट्राइक से बौखलाया ईरान अब मुस्लिम देशों के साथ करने जा रहा बड़ी तैयारी! क्या जंग की है सुगबुगाहट
  • इजराइल और ईरान में जारी तनाव
  • इजराइल ने ईरान पर की सबसे बड़ी एयरस्ट्राइक
  • ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने मुस्लिम देशों से किया आह्वान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजराइल और हमास में जारी युद्ध के बीच गुरुवार को ईरान इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) की सबसे बड़ी एयरस्ट्राइक से दहल उठा। इस हमले के बाद ईरान गुस्से से आग बबूला हो गया है। इस दौरान करीब 200 इजराइली फाइटर जेट्स ने ईरान के न्यूक्लियर प्लाइंट्स, मिसाइल फैक्ट्रियों और सीनियर मिलिट्री अधिकारियों पर हमला किया था। इस हमले में ईरान के तहरान और नतांज़ जैसे संवेदनशील इलाकों पर भी हमले किए गए।

इजराइल के हमले से बौखलाए खामेनेई

इजराइल के हमले के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई बौखला गए हैं। उन्होंने इजराइल को स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि अब उसे इस हमले का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ईरान ने शुक्रवार सुबह इजराइल पर 100 ड्रोन मिसाइलें दाग दी हैं। न केवल इतना बल्कि, ईरान के विदेश मंत्रालय की ओर से सभी मुस्लिम देशों को एकजुट होने का आह्वान किया गया है। इस बीच अब सवाल उठा रहा है कि क्या एक बार फिर से सभी खाड़ी देश इजराइल पर हमला करने की तैयारी करेंगे?

ईरान के विदेश मंत्रायल ने बयान में कहा, "ईरान दुनिया भर के इस्लामी देशों, गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के सदस्य देशों और उन सभी राष्ट्रों से अपील करता है जो वैश्विक शांति में विश्वास रखते हैं कि वे इस क्रूरता की निंदा करें और मिलकर इसका सामना करें। क्योंकि ये सिर्फ ईरान पर हमला नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र और विश्व की शांति के लिए खतरे की घंटी है।"

दरअसल, इजराइल का ईरान पर यह हमला अचानक नहीं हुआ था। कुछ महीने पहले से ही इजराइल और ईरान के बीच तनाव देखने को मिल रहा था। इजराइल की खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, ईरान के पास संवर्धित मात्रा में यूरेनियम इकट्ठा हो चुका था कि वह कुछ ही दिनों में 15 न्यूक्लियर बम बना सकता था। यही वजह थी कि नेतन्याहू सरकार ने इसे "राष्ट्र की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम" बताया और ईरान पर हमला कर दिया।

अमेरिका खेल रहा डबल गेम

वहीं, दूसरी ओर ईरान इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि इजराइल पर आक्रमकता, साजिश और क्षेत्रीय अस्थिरता फैला रहा है। ईरान ने कहा कि वह परमाणु हथियार नहीं बनाना चाहता और उसकी गतिविधियां शांतिपूर्ण हैं। इसके अलावा ईरान ने हिज़्बुल्ला और हमास जैसे संगठनों के ज़रिए क्षेत्र में अपना दबदबा बनाया हुआ है। लेकिन, इजरायल इसे अपने लिए सीधा खतरा मानता है। बता दें, 15 जून को ओमान में अमेरिका और ईरान के बीच न्यूक्लियर बातचीत होने वाली थी, लेकिन अब यह बातचीत अधूरी रह गई। इतना

अगर देखा जाए तो इस पूरे घटनाक्रम में अमेरिका डबल गेम खेलने की कोशिश कर रहा है। एक तरफ अमेरिका इजराइल का सबसे बड़ा दोस्त है। तो वहीं, दूसरी तरफ वह अपने को आधिकारिक तौर पर खुद को अलग कर लिया है। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा, "इजरायल ने यह हमला एकतरफा किया है। अमेरिका इसमें शामिल नहीं है और हमारी पहली प्राथमिकता है, अपने सैनिकों की सुरक्षा।" इसके अलावा अमेरिका ने ईरान को चेतावनी भी दी है कि उसके ठिकानों या नागिरकों पर हमला नहीं किया जाना चाहिए।

इससे एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, "इजरायल का हमला हो सकता है" हालांकि, अब अमेरिका शांति की उम्मीद कर रहा है। इसके बाद अमेरिका ने सावधानी बरतते हुए इराक, जॉर्डन और खाड़ी देशों से अपने गैर-जरूरी कर्मचारियों को निकाल लिया है। साथ ही सैन्य परिसंपत्तियों को नई जगहों पर तैनात कर दिया है।

Created On :   13 Jun 2025 6:25 PM IST

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