Nobel Prize in Chemistry: दो महिला वैज्ञानिकों ने जीता रसायन का नोबेल, DNA में बदलाव कर गंभीर रोगों का इलाज होगा संभव

2020 Nobel Prize in Chemistry awarded to Emmanuelle Charpentier and Jennifer A. Doudna
Nobel Prize in Chemistry: दो महिला वैज्ञानिकों ने जीता रसायन का नोबेल, DNA में बदलाव कर गंभीर रोगों का इलाज होगा संभव
Nobel Prize in Chemistry: दो महिला वैज्ञानिकों ने जीता रसायन का नोबेल, DNA में बदलाव कर गंभीर रोगों का इलाज होगा संभव
हाईलाइट
  • इमैनुएल कारपेंतिए अमेरिकी और जेनिफर डौडना फ्रांसीसी मूल की प्रोफेसर है
  • जीनोम को एडिट करने की विधि की खोज के लिए दो महिला वैज्ञानिकों को रसायन का नोबेल
  • प्रोफेसरों की खोज ने डीएनए में बहुत ही सटीक तरीके से बदलाव को संभव बनाया

डिजिटल डेस्क, स्टॉकहोम। जीनोम को एडिट करने की विधि (जेनेटिक सीजर) की खोज के लिए इस साल दो महिला वैज्ञानिकों इमैनुएल कारपेंतिए और जेनिफर डौडना को रसायन के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। इमैनुएल कारपेंतिए अमेरिकी और जेनिफर डौडना फ्रांसीसी मूल की प्रोफेसर है। इन प्रोफेसरों की खोज ने डीएनए में बहुत ही सटीक तरीके से बदलाव को संभव बनाया है। इसकी मदद से गंभीर रोगों का इलाज संभव हो सकेगा।

दोनों वज्ञानिकों ने 2012 में जेनेटिक सीजर (CRISPR/Cas9) की खोज की थी। इस टूल ने कई महत्वपूर्ण खोजों में योगदान दिया है। इसकी मदद से प्लांट रिसर्चर्स मोल्ड, कीटों और सूखे का सामना करने वाली फसलों को विकसित करने में सफल हो पाए हैं।  वहीं इसकी मदद से नई कैंसर थैरेपियों पर काम चल रहा है। विरासत में मिली बीमारियों का इलाज करने में सक्षम होने का सपना भी सच होने वाला है।

बता दें कि नोबेल पुरस्कार छह श्रेणियों में दिए जाते हैं और इसकी घोषणा इस बार 5-12 अक्टूबर के बीच होगी। इसमें मेडिसिन, फिजिक्स और कैमिस्ट्री के पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है। अब साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में इसकी घोषणा होनी बाकी है।

 

 

तीन वैज्ञानिकों को मिला फिजिक्स का नोबेल
इससे पहले मंगलवार को इस साल के फिजिक्स के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई थी। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज, स्टॉकहोम ने तीन वैज्ञानिकों को इसके लिए चुना है। इसमें आधा सम्मान रोजर पेनरोज को ब्लैक होल निर्माण को आइंस्टीन की सापेक्षकता के सिद्ंधात (जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी) से जुड़ाव की खोज के लिए और शेष आधा सम्मान संयुक्त रूप से रिनहार्ड गेंजेल और एंड्रिया गेज को गैलेक्सी के केंद्र में स्थित अत्यधिक घनत्व वाले पदार्थ (सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑब्जेक्ट) खोज के लिए दिया गया।

तीन वैज्ञानिकों को मिला चिकित्सा का नोबेल
सोमवार को मेडिसिन के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई थी। इस साले का चिकित्सा नोबेल अमेरिका के वैज्ञानिक हार्वे जे आल्टर, चार्ल्स एम राइस और ब्रिटेन के माइकल हागटन को दिया गया है। हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज करने करने के लिए इन तीनों वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार दिया गया है। हेपेटाइटिस सी एक ब्लेड-बोर्न वायरस है और यह हेपेटाइटिस सी रोग का कारण बनता है जो लीवर को प्रभावित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का आकलन है कि दुनिया में 70 मिलियन हेपेटाइटिस के केस हैं। हर साल इस बीमारी की वजह से दुनिया में 4 लाख लोगों की मौत होती है। इस रोग को क्रॉनिक बीमारी की श्रेणी में रखा जाता है और लीवर से जुड़ी बीमारियों और कैंसर का प्रमुख कारण है।

1.1 मिलियन डॉलर का पुरस्कार
नोबेल पुरस्कार जीतने पर 10 मिलियन स्वीडिश क्राउन (1.1 मिलियन डॉलर) का पुरस्कार दिया जाता है। तीनों वैज्ञानिक पुरस्कार राशि शेयर करेंगे। नोबेल पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल की याद में दिया जाता है। अल्फ्रेड ने अपनी मृत्यु से पहले संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा ट्रस्ट को दिया था ताकि उन पैसों से मानव जाति के लिए काम करने वाले शख्सियतों को सम्मानित किया जा सके। पहला नोबेल शांति पुरस्कार 1901 में दिया गया था। नोबेल पुरस्कार 6 क्षेत्रों में दिया जाता है। इसकी घोषणा हर साल 12 अक्टूबर तक की जाती है। ये क्षेत्र हैं, भौतिकी, रसायनविज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र।

Created On :   7 Oct 2020 11:14 AM GMT

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