अफगानिस्तान: अमेरिका-तालिबान में हुआ शांति समझौता, 14 महीने के अंदर हटेगी US फोर्स, भारत ने किया स्वागत

अफगानिस्तान: अमेरिका-तालिबान में हुआ शांति समझौता, 14 महीने के अंदर हटेगी US फोर्स, भारत ने किया स्वागत
हाईलाइट
  • भारत ने किया अमेरिका-तालिबान समझौते का स्वागत
  • समझौते में किए गए वादों को 135 दिन में करना होगा लागू
  • समझौते में वादों पर काम करने के बाद ही अफगानिस्तान से हटेगी सेना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते पर सहमति बन गई है। लगभग 18 महीने की बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने शनिवार को कतर के दोहा में समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत अमेरिका 14 महीने के अंदर अफगानिस्तान से अपनी सेन्य बलों को हटा लेगी। इस समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान करीब भारत सहित 30 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के विदेशमंत्री और प्रतिनिधि मौजूद रहे। वहीं भारत ने इस समझौते पर अपना समर्थन देते हुए कहा है कि भारत अफगानिस्तान हर संभव मदद करेगा।

बता दें कि 11 सितंबर 2001 में तालिबान के आतंकी ओसामा बिन लादेन ने अमेरिका की सबसे बड़ी बिल्डिंग वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को हवाई हमला कर गिरा दिया था। इस हमले के बाद अफगानिस्तान की जमीन पर अमेरिकी सेना ने डेरा डाला था। तब से पिछले 18 वर्षों में अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में आतंक के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी थी। इस सैन्य लड़ाई में अब तक काफी संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवाई है। अब इस समझौते के बाद अमेरिकी सेना अपने घर वापस लौटेगी। 

समझौते में किए गए वादों को 135 दिन में करना होगा लागू
अफगानिस्तान और अमेरिका ने साथ मिलकर ये घोषणा की है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य बलों की संख्या घटाकर 8,600 की जाएगी। इसके साथ ही अमेरिकी-तालिबान शांति समझौते में किए गए वादों को 135 दिन में लागू किया जाएगा। इस बीच अमेरिका ने फिर से जोर देकर कहा कि वह अफगानिस्तान की सरकार की सहमति से लगातार सैन्य ऑपरेशन चलाने को तैयार हैं।

समझौते में वादों पर काम करने के बाद ही हटेगी सेना
इस मौके पर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बताया कि यह समझौता तभी पूरी तरह से लागू होगा, जब तालिबान शांति के लिए कदम उठाएगा। इसके लिए तालिबान को आतंकी संगठन अलकायदा और दूसरे विदेशी आतंकी संगठनों से अपने सभी रिश्ते तोड़ने होंगे। उन्होंने बताया कि हम इसकी करीब से निगरानी करेंगे कि तालिबान अपने वादों को लागू करता है या नहीं। इसके साथ ही हम अफगानिस्तान से अमेरिकी सैन्य बलों को निकालने का फैसला लेंगे।

भारत ने किया समझौते का स्वागत
वहीं अफगानिस्तान में शांति बहाल करने के लिए अमेरिका और तालिबान में हुए समझौते का भारत ने स्वागत किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हमें लगता है कि अफगानिस्तान के पूरे राजनीतिक वर्ग ने इस मौके का स्वागत किया है। उम्मीद है कि इस समझौते से अफगानिस्तान में शांति और स्थायित्व आएगा। कुमार ने कहा कि भारत हमेशा से ही अफगानिस्तान में शांति, सुरक्षा और स्थायित्व लाने के समर्थन में रहा है। पड़ोसी होने के नाते हम आगे भी सरकार और अफगानिस्तान के लोगों का समर्थन करते रहेंगे।

Created On :   29 Feb 2020 5:15 PM GMT

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