पाक मीडिया की बड़ी जीत: फर्जी समाचार के लिए लाए गए अध्यादेश को अदालत ने असंवैधानिक करार दिया

Big victory for Pak media: Court declares ordinance brought for fake news unconstitutional
पाक मीडिया की बड़ी जीत: फर्जी समाचार के लिए लाए गए अध्यादेश को अदालत ने असंवैधानिक करार दिया
पाकिस्तान पाक मीडिया की बड़ी जीत: फर्जी समाचार के लिए लाए गए अध्यादेश को अदालत ने असंवैधानिक करार दिया
हाईलाइट
  • सरकार फर्जी समाचार पर अंकुश लगाने का कर रही है प्रयास

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) ने शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम (संशोधन) अध्यादेश, 2022 (पीईसीए) को असंवैधानिक घोषित कर दिया। यह पाकिस्तान में मीडिया बिरादरी और अधिकार कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ी जीत है। द न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि हाईकोर्ट ने संघीय सरकार को कानून के इस दुरुपयोग की जांच करने और 30 दिनों के भीतर इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने फरवरी में पीईसीए में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया था, जिसके बारे में बताया गया था कि इसलिए इसलिए लाया गया है, क्योंकि सरकार फर्जी समाचार पर अंकुश लगाने के प्रयास कर रही है। हालांकि, विशेषज्ञों और पत्रकारों के अनुसार, सरकार के इस कदम का उद्देश्य सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा जाहिर किए जाने वाले असंतोष को शांत करना और मीडिया को नियंत्रित करना है।

देश भर में विरोध के बाद मीडिया निकायों ने आईएचसी में कठोर कानून को चुनौती दी थी। पाकिस्तान ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (पीबीए), ऑल पाकिस्तान न्यूजपेपर्स सोसाइटी (एपीएनएस), काउंसिल ऑफ पाकिस्तान न्यूजपेपर्स एडिटर्स (सीपीएनई), एसोसिएशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एडिटर्स एंड न्यूज डायरेक्टर्स (एईएमईएनडी) और कुछ वरिष्ठ पत्रकारों सहित पत्रकार संघ देश ने वरिष्ठ वकील मुनीर ए. मलिक के जरिए याचिका दायर की थी।

शुक्रवार को जारी आईएचसी के चार पन्नों के आदेश में कहा गया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता - अनुच्छेद 19 के तहत संरक्षित - और संविधान के अनुच्छेद 19-ए के तहत सूचना प्राप्त करने का अधिकार समाज के विकास, प्रगति और समृद्धि के लिए आवश्यक है। अदालत ने आगे यह भी कहा कि इनका दमन असंवैधानिक है और लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है। रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह द्वारा लिखित आदेश में कहा गया है, मानहानि का अपराधीकरण, गिरफ्तारी और कारावास के माध्यम से व्यक्तिगत प्रतिष्ठा की रक्षा और परिणामी द्रुतशीतन प्रभाव संविधान का उल्लंघन करता है और इसकी अमान्यता एक उचित संदेह से परे है।

 

 (आईएएनएस)

Created On :   8 April 2022 10:00 PM IST

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