ब्रिटेन: लॉकडाउन में ढील देने की बोरिस की योजना पर आलोचनाओं की बौछार
डिजिटल डेस्क, लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की कोरोनावायरस का फैलाव रोकने के लिए लागू लॉकडउन में ढील देने की योजना की जबरदस्त आलोचना हो रही है, क्योंकि देश में कोरोना से 40,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ब्रिटेन 40,344 मौतों के साथ यूरोप में कोरोना से मरने वालों मरीजों की संख्या में शीर्ष पर है और दुनिया में दूसरे स्थान पर है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़े के मुताबिक, देश में कोरोना के कुल 284,734 मामले सामने आए हैं। ब्रिटेन दुनिया में चौथा सबसे ज्यादा मामलों वाला देश बन गया है।
समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, कई विशेषज्ञों की चेतावनी के बावजूद कि लॉकडाउन में ढील देना फिलहाल जल्दबाजी होगी, आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के दबाव में जॉनसन ने इस सप्ताह इंग्लैंड में प्राथमिक स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया और गैर-आवश्यक व्यवसायों को 10 दिनों के भीतर फिर से शुरू करने की अनुमति मिलने की उम्मीद है।
उनके रोडमैप को शुक्रवार को एक और झटका लगा, जब यह स्पष्ट हो गया कि इंग्लैंड में ट्रांसमिशन रेट स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड की तुलना में अधिक है, जिन्होंने लंदन की रणनीति का पालन करने से इनकार कर दिया। लंदन में संक्रमण दर 0.95 के आसपास है, जिसका अर्थ है कि एक व्यक्ति औसतन 0.95 अन्य लोगों को संक्रमित करता है।
सरकार ने स्वीकार किया कि उत्तरी और दक्षिणी इंग्लैंड के कुछ क्षेत्रों में उनकी ट्रांसमिशन दर बढ़ सकती है। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि मैनचेस्टर और लिवरपूल में ट्रांसमिशन रेट आर1 से ऊपर हो सकती है।
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने शुक्रवार को कहा कि सरकार संक्रमण की दूसरी लहर के मामले में आइसोलेटेड लॉकडाउन पर विचार करेगी। ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स ने कहा कि सक्रिय मामलों की संख्या मई के आखिरी दो हफ्तों में आधी हो गई थी। लगभग 100 वैज्ञानिकों ने समाचारपत्र टेलीग्राफ में एक खुला पत्र लिखा, जिसमें सरकार से लॉकडाउन योजनाओं पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया।
Created On :   6 Jun 2020 2:31 PM IST